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बड़ी खबर: DPI भोपाल से आया आदेश, अब कोटे से भर्ती शिक्षकों का फिर होगा मेडिकल टेस्ट
इन दिनों मध्य प्रदेश में दिव्यांग शिक्षक भर्ती घोटाला सामने आ रहा है। एक ओर जहां मुरैना जिले में फर्जी विकलांग शिक्षकों पर कार्यवाही शुरू हो चुकी है वहीं लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि दिव्यांग कोटे से हुई शिक्षकों की भर्ती का पुनः मेडिकल टेस्ट करवाया जाए। अब देखना यह है कि लोक शिक्षण संचालनालय के इस आदेश पर प्रदेश के जिलों में कितनी पारदर्शिता के साथ जांच की जाती है। माना जा रहा है कि ग्वालियर और मुरैना जिले के अलावा भी प्रदेश के कई जिलों में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी की जा रही है।
मुरैना और ग्वालियर से खुला मामला
मध्य प्रदेश के ग्वालियर और मुरैना जिले में शिक्षक भर्ती में जमकर फर्जीवाड़ा किया गया। बिना दिव्यांगों को भी दिव्यांग बनाकर नौकरी दे दी गई। दस्तावेजों के जांच के आधार पर 400 से ज्यादा फर्जी शिक्षकों की भर्ती का आरोप लगा है। 77 शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही की जा चुकी है। इनकी सेवा समाप्त करते हुए एफ आई आर दर्ज की जाएगी।
नियमों में उलझा मामला
अब दिव्यांग शिक्षक भर्ती घोटाला सामने आ चुका है अब इसके बाद नियमों की आड़ में जवाबदार बचने का मार्ग ढूंढ रहे हैं। जानकारी मिल रही है की नोडल एजेंसी द्वारा डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान अधिकारियों को इस बात की जानकारी ही नहीं दी गई कि किस संस्था से बना हुआ दिव्यांग प्रमाण पत्र मान्य किया जाएगा और किस संस्था का अमान्य।
क्या आया आदेश
जानकारी के अनुसार लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा स्पष्ट आदेश दिया गया है कि दिव्यांग बताकर भर्ती होने वाले शिक्षकों का पुनः मेडिकल करवाया जाए। अगर मेडिकल में कोई भी उम्मीदवार 40 प्रतिषत से कम दिव्यांग है तो उसकी नियुक्ति निरस्त कर दी जाएगी उसे दिव्यांग नहीं माना जाएगा। साथ में उम्मीदवार द्वारा लगाए गए दिव्यांग प्रमाण पत्र की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही सुनिश्चित होगी साथ ही उस पर एफआईआर दर्ज करवाई जायेगी।