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Pashupatinath Lok: एमपी में अब श्री पशुपतिनाथ लोक को जमीन पर उतारने की तैयारी
Pashupatinath Lok MP: एमपी के मंदसौर में श्री पशुपतिनाथ लोक योजना को अब जमीन पर उतारने की तैयारी की जा रही है। सरकार ने पर्यटन विकास निगम को एजेंसी बनाया है जिसके निर्देशन में ही सम्पूर्ण कार्य किया जाएगा। इस पूरे लोक का डीपीआर जबलपुर की कंसलटेंट कंपनी बनाएगी और फिर टेंडर लगाएगी। मध्यप्रदेश सरकार ने अभी प्रारंभिक रूप से इसके लिए 25 करोड़ रुपए दिए हैं। डीपीआर तैयार हो जाने के बाद और बजट मुहैया हो सकेगा।
25 करोड़ की मिली राशि
मंदसौर में श्री पशुपतिनाथ लोक का डीपीआर व ड्राइंग डिजाइन तैयार करने के लिए जबलपुर की पोल लाइन कंपनी को पर्यटन विकास निगम ने कंसलटेंट नियुक्त किया है। जिसके द्वारा इसका डीपीआर व डिजाइन तैयार कर टेंडर जारी किया जाएगा। तब यह तय होगा सकेगा कि पशुपतिनाथ लोक की कुल लागत कितनी होगी। सोमवार को निगम के अधिकारियों के साथ कंसलटेंट कंपनी के प्रतिनिधियों ने लोक की प्रारंभिक रूपरेखा प्रस्तुत की। इसमें कुछ इमेज के माध्यम से बताया गया कि यहां क्या-क्या बनेगा। अभी प्रारंभिक रूप् से 25 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
थ्री डी इमेज में तैयार होगा प्रजेंटेशन
विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने पर्यटन विकास निगम के अधिकारियों को कहा कि लोक का पूरा प्रजेंटेशन थ्री डी इमेज में तैयार किया जाए। आमजन को दिखाने के लिए 10 से 15 मिनट की एक फिल्म तैयार की जाए। इसके बाद जो भी अच्छे सुझाव मिलें उसके अनुसार परिवर्तन करते हुए फाइनल ड्राइंग डिजाइन बनाई जाए। प्रजेंटेशन में पार्किंग, रोड व्यवस्था, ई-व्हीकल, लोक परिसर आदि के संबंध में जानकारी दी जाए।
पूरे प्लान के साथ लगाएं टेंडर
विधायक ने कहा कि पूरे प्लान के साथ टेंडर लगाया जाए। इसके साथ ही निर्माण कार्यों में अच्छे संसाधन का प्रयोग हो। श्री पशुपतिनाथ लोक के कार्य को फाइनल करने से पूर्व महाकाल लोक, श्री सांवरिया सेठ मंदिर एवं श्री होरी हनुमान मंदिर के निर्माण में जो तकनीकी और कारीगरी प्रयोग किया गया है उसके भी पर्यटन विभाग के विशेषज्ञ, इंजीनियर और कंसलटेंट कंपनी के प्रतिनिधि जाकर देखें।
जमीन अधिग्रहण की कम पड़ेगी जरूरत
लोक निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की भी अधिक आवश्यकता नहीं पड़ेगी। श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर के समीप अच्छी खासी शासकीय जमीन है। जरूरत पड़ने पर आसपास की निजी जमीन भी अधिग्रहित की जा सकती है। किंतु इसकी जरूरत कम ही होगी। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की कोशिश है कि उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ वर्ष 2028 के पहले यह पूरा लोक बनकर तैयार हो जाए। उस समय राजस्थान व अन्य प्रदेशों से लाखों श्रद्धालु मंदसौर होकर ही उज्जैन जाते हैं। मंदिर से लगी हुई शिवना नदी होने से यह कारिडोर आकर्षक बनेगा।