मध्यप्रदेश

अब आयुर्वेद की पढ़ाई भी होगी हिंदी मेंं, सीएम ने की घोषणा

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MP Ayurvedic Medical College News: मेडिकल और इंजीनियरिंग की ही तरह आयुर्वेद की पढ़ाई भी हिंदी में ही होगी।

भोपाल- मेडिकल और इंजीनियरिंग की ही तरह आयुर्वेद की पढ़ाई भी हिंदी में ही होगी। यह बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल स्थित पंडिल खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद संस्थान में 50 बिस्तरीय पंचकर्म सुपर स्पेशिलिटी एवं वैलनेस केन्द्र एवं रजत जयंती ऑडोटोरियम भवन के लोकार्पण के अवसर पर कही। गौरतलब है कि खुशीलाल आयुर्वेद शासकीय चिकित्सालय का नाम देश में सबसे अच्छी पंचकर्म सेवा देने वाली संस्थाओं में एक है। यहां पर अब किसी फाइव स्टार होटल की तरह सुविधाएं मिलेगी। केरल की तर्ज पर पंचकर्म किया जाएगा।

पूरी दुनिया मे बज रहा डंका

इस अवसर पर सीएम ने कहा कि कोविड के बाद पूरी दुनिया में आयुर्वेद का डंका बज रहा है। कोविड आया तो कोई और रास्ता दिखाई नहीं दे रहा था। ऐसे में आयुर्वेद और योग के रूप मेंं देश और दुनिया को रास्ता मिला। कोविड में एक ही रास्ता दिखा आयुर्वेद और योग। अत्यंत प्राचीन और महान राष्ट्र है भारत। 5 हजार से ज्यादा तो ज्ञात इतिहास है हमारा।

जब दुनिया में सभ्यता के सूर्य का उदय नहीं हुआ था तब हमारे यहां वेदों की रचना कर दी गई थी। भारत के गांव-गांव में इलाज के लिए आयुर्वेद पर ही विश्वास किया गया। आयुर्वेद के माध्यम से गांव-गांव में ही जड़ी-बूटियों से बीमारियों का ईलाज आसानी से होता रहता है। हमारे वैद्य इतने कुशल होते हैं कि नाड़ी से ही बीमारी का पता लगा कर इलाज करते हैं। आयुर्वेद एक संपूर्ण विधा है। एलोपैथी में हर बीमारी के लिए अलग डाक्टर है। आयुर्वेद रोग की पहचान कर, उसके मूल कारण का निदान करने का प्रयास करता है।

दुनिया के हित में आयुर्वेद

सीएम ने कहा कि आयुर्वेद का बढ़ना दुनिया के हित में है। मप्र आयुर्वेद विश्वविद्यालय के बारे में भी विचार करेगा। हमारी सरकार आयुर्वेद को आंगे बढ़ाने का हर संभव प्रयास करेगी। प्रतिभा तो किसी भी भाषा में हो सकती है। इसीलिए हमने तय किया है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग की ही तरह आयुर्वेद की पढ़ाई हिंदी मेंं होगी।

Suyash Dubey | रीवा रियासत

Suyash Dubey | रीवा रियासत

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