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चीतों के इतिहास में आज जुड़ेगा नया अध्याय, गुलजार होगा कूनो नेशनल पार्क
MP Kuno National Park Cheetah News: कभी जिस देश में चीतों की चाप आमतौर पर सुनाई देती थी। लोग जंगल में जाने से डरते थे। या यूं कहें कि जंगलों की रक्षा के लिए शेर, बाघ, चीते, तेंदुआ, लकड़बग्घा, हाथी जैसे विशालकाय जानवर पूरी मुस्तैदी के साथ निवास करते थे। लोग इन जानवरों के भय से जंगलों में प्रवेश नहीं करते थे। लेकिन राजा महाराजाओं को शिकार का वह चस्का चढ़ा की चीते की प्रजाति ही समाप्त हो गए। आज 70 वर्ष के बाद चीतों के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने वाला है। क्योंकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 7 चीतों की सौगात दे रहे हैं।
नामीबिया से लाए जा रहे चीते
भारत सरकार पिछले कई वर्षों से चीतों को लाने का प्रयास कर रही थी। जो आज 70 वर्ष बाद पूर्ण हो रहा है। शनिवार को सुबह 8ः00 बजे चीते भारत की धरती पर पहुंच गए हैं। इन चीतों को मध्य प्रदेश के शिवपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क छोड़ा जाएगा। इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित रहेंगे।
मध्य प्रदेश आ रहे मोदी, जाने पूरा कार्यक्रम
जानकारी के अनुसार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। यह दिन आज और भी महत्वपूर्ण इसलिए हो रहा है देश के प्रधानमंत्री आज मध्य प्रदेश कूनो नेशनल पार्क में विलुप्त हुए चीते छोड़े जाएंगे।
सीएम करेंगे अगवानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्य प्रदेश आगमन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ग्वालियर में उनका अगवानी करेंगे। वहां से प्रधानमंत्री सीधे कूनो नेशनल पार्क जाएंगे। जहां पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे कई बड़े नेता मौजूद रहेंगे।
पीएम का कार्यक्रम कुछ इस तरह
9ः40 पर सुबह विशेष विमान से ग्वालियर आगमन होगा।
09ः45 बजे हेलीकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क के लिए रवाना होंगे।
10ः45 से 11ः15 बजे चीतों को बाड़े में छोड़ेंगे।
11ः30 बजे हेलीकॉप्टर से करहाल रवाना होंगे।
11ः50 बजे करहाल पहुंचेंगे।
12ः00 से 1ः00 बजे तक महिला स्व सहायता समूह सम्मेलन में शामिल होंगे।
1ः15 बजे तक करहाल से हेलीकॉप्टर से ग्वालियर रवाना।
2ः15 बजे ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
2ः20 बजे दोपहर को ग्वालियर से रवाना होंगे।
चीतों के लिए की गई है बेहतर व्यवस्था
जानकारी के अनुसार भारत लाए जा रहे इन चीतो के रखरखाव के लिए बेहतर व्यवस्था तैयार की गई है। आइए जाने उन के कुछ अंश।
चीतों के रहने के लिए एक बेहतर घास का मैदान तैयार किया गया है। जहां पर वह आराम से रहेंगे।
1 महीने तक क्वारंटीन एरिया में रहने के बाद चीतो को बाड़े में छोड़ा जाएगा।
बताया गया है कि 3 महीने बाड़े में रहने के बाद इन चीजों को स्वच्छंद घूमने के लिए जंगल में छोड़ा जाएगा।
पालपुर में एक वेटनरी अस्पताल का निर्माण कराया गया है। जहां पर 3 डॉक्टरों की टीम उनकी बराबर निगरानी करेगी।
चीतो के साथ एक वेटनरी डॉक्टर भी लाया गया है। जो इनकी देखरेख में मदद करेगा।
चीतों की 24 घंटे निगरानी की जाएगी। इसके लिए जंगल की एरिया में मचान तैयार किए गए हैं। वही पेट्रोलिंग टीम ीी तैनात रहेगी।
कूनो पालमपुर में एनिमल ट्रैकर डॉग्स भी तैनात किया जाएगा।
राजगढ़ जिले के नरसिंहपुर के चिडीखो अभ्यारण से कई चीतल भेजे गए हैं। यह चीतों के शिकार के लिए है।
चीतों के शिकार के लिए शाकाहारी वन्य प्राणियों को अन्य संरक्षित क्षेत्रों से लाकर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा गया है।
कूनो राष्ट्रीय उद्यान एकीकृत प्रबंधन में साडे 700 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र के साथ रिलीज हेतु चयनित किया गया है।
चीतों के घूमने भागने टहलने के लिए लगभग 3000 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र संरक्षित किया गया है। जिसमें श्योपुर और शिवपुरी जिले के भाग शामिल है।