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डॉक्टरों के बाद आंदोलन की राह पर एमपी के फार्मासिस्ट, जाएंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, जानें
मध्य प्रदेश में शासकीय फार्मासिस्ट ने अपनी मांगो के निराकरण न होने की स्थिति में हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। आगामी 13 मार्च से प्रदेश के फार्मासिस्ट हड़ताल पर जा सकते हैं। इनके हड़ताल पर जाने से अस्पताल के दवा वितरण की व्यवस्था बिगड़ सकती है।
फार्मासिस्टों की माने तो उन्होने अपनी समस्या के निराकरण से संबंधित आवेदन पूर्व में कई कार सीएम, सांसद, विधायक को कई बार दिया। लेकिन उनकी समस्या का निराकरण नहीं हो पाया। जिसके कारण अब फार्मासिस्टों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि पूर्व में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी, लैब टेक्नीशियन और चिकित्सकों की हड़ताल का अधिक असर सरकार पर दिखाई नहीं दिया था। ऐसे में अब ये सभी एक साथ काम बंद हड़ताल पर जाने की योजना बना रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो अस्पताल में मरीजां की दवाई सहित अन्य सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़े सकता है।
प्रदेश उपाध्यक्ष नवजोत सिंह ने बताया कि प्रदेश के 70 से अधिक विधायकों, सांसदों सहित विभागीय मंत्री द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फार्मासिस्टों की समस्याओं के निराकरण के लिए समर्थन पत्र लिखा गया। लेकिन विभाग के अधिकारियों द्वारा समस्या का निराकरण नहीं किया गया।
गौरतलब है कि प्रदेश में चुनावी वर्ष होने के कारण विभिन्न संघ समुदायां द्वारा हड़ताल की जा रही है। इसी परिप्रेक्ष्य में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी द्वारा 15 दिसंबर से 4 जनवरी तक हड़ताल की गई। जून 2018 की नीति पर समझौता हुआ। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बाद लैब टेक्नीशियन ने 13 जनवरी से 8 फरवरी तक हड़ताल की। कमेटी बना कर हड़ताल समाप्त करने की मांग पर समझौता हुआ।
15 फरवरी से प्रदर्शन कर इमरजेंसी सेवा बंद करने वाले चिकित्सकां को भी शासन द्वारा ठग लिया गया है। अभी तक किसी प्रकार का सकरात्मक निर्णय शासन द्वारा नहीं लिया गया है। चिकित्सक फिर से अप्रैल में हड़ताल पर जा सकते है।