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MP की बेटी का सात समंदर पार होगा लालन-पालन, अमेरिकी दम्पत्ति बनाएगा डॉक्टर
Guna (गुना) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की बेटी का सात समंदर पार अब लालन-पालन होगा और उसे अमेरिका का एक दम्पत्ति गोद लेने के बाद अमेरिका ले गया है। उसका कहना है कि वे इस बेटी को भारतीय कल्चर से परवरिश करके उसे डॉक्टर बनाएंगे।
दरअसल मध्यप्रदेश (Madhya Padesh) के गुना (Guna) के जिला अस्पताल स्थित मां स्वरूपा आश्रम में 5 वर्ष से एक बच्ची रह रही थी। उसे अमेरिका के कैलिफोर्निया के रहने वाले डॉक्टर दंपती ने गोद लिया है। गुरुवार को दंपती अमेरिका से गुना पहुंचा। यहां उन्होंने फॉर्मेलिटी पूरी कर बच्ची को लेकर भोपाल रवाना हो गए। 6 दिसंबर को बच्ची के साथ कैलिफोर्निया के लिए उड़ान भरेंगे।
कारा की मदद से जा सकी विदेश
बच्ची का जन्म 2013 को हुआ था। वह कुछ दिन शिवपुरी में रही। उसे वर्ष 2016 में गुना जिला अस्पताल (Guna District Hospital) के मां स्वरूपा आश्रम में ट्रांसफर कर दिया गया था, तभी से यहां रह रही थी। केंद्रीय एजेंसी दिल्ली कारा की मदद से दो साल से विदेशी दंपती बच्ची को गोद लेने की प्रक्रिया कर रहे थे।
अमेरिकी दम्पत्ति के नही है संतान
अमेरिका से आए डॉक्टर दंपती की शादी 7 साल पहले हुई थी। उनके कोई बच्चा नहीं है। उन्होंने बताया कि कैलिफोर्निया में उनके घर के आसपास हिंदुस्तानी लोग रहते हैं। उन्हें भारत की परंपरा पसंद है, इसलिए उन्होंने भारतीय बच्चे को एडोप्ट करने के बारे में सोचा।
दंपती सरकारी नौकरी में हैं। भारतीय करेंसी के हिसाब से उनकी सालाना आय 1.65 करोड़ रुपए है। उनका कहना है कि बच्ची की परवरिश भी हिंदुस्तानी परिवेश में होगी। उनका सपना है कि बच्ची अमेरिका की बड़ी डॉक्टर बने।
अनाथ बच्चों के साथ बिताया समय
कैलिफोर्निया से शुक्रवार को जिला अस्पताल में स्थित मां स्वरूपा आश्रम में पहुंचे एक्जीक्यूटिव अकाउंटेंट क्रिस्टोफर ब्रेडले फ्रेडिक और उनकी पत्नी फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. जीना मारिको फेड्रिक सीएमएचओ डॉ. पी बुनकर, सिविल सर्जन डॉ. एचवी जैन और महिला एवं बाल विकास अधिकारी डीएस जादौन ने उनका स्वागत किया। इस दौरान विदेशी दंपती ने आश्रम में रहने वाले बच्चों के साथ समय बिताया।
भावुक हो गई बच्ची
सात संमदर पार जा रही 8 वर्ष की बच्ची को जब नया परिवार मिला, तो उसका चेहरा खुशी से खिल उठा, लेकिन बच्ची जब तीन और अन्य बच्चों का साथ छोड़कर नए परिवार मां पिता के साथ जा रही थी, तब उस समय सबकी आंखे भर आईं।