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MP Transfer Policy 2023: 3 वर्ष से जमे कर्मचारियों का होगा ट्रांसफर, तैयार हो रही कुंडली
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ज्यों-ज्यों मध्य प्रदेश चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं सरकार प्रशासनिक मशीनरी दुरुस्त करने में लग गई है। जानकारी मिल रही है कि एक बार फिर थोक के भाव तबादले होने वाले। बताया गया है कि जो अधिकारी और कर्मचारी एक ही सीट पर 3 वर्षों से जमे हुए हैं उनका तबादला किया जाएगा।
आचार संहिता के पहले पूर्ण होगे कार्य
तबादले का कार्य आचरण संहिता लगने के पहले ही पूरा कर लिया जाएगा। ज्ञात हो कि वर्ष 2023 के अंतिम महीने में विधानसभा के चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ट्रांसफर करके व्यवस्था दुरुस्त करने में लगी हुई है। जानकारी मिली है कि अक्टूबर में आदर्श आचार संहिता लागू हो सकती है। ऐसे में चुनाव आयोग विभागों से यह प्रमाण पत्र मांग सकता है कि नियमानुसार एक स्थान पर कोई अधिकारी या कर्मचारी 3 वर्ष से तो नहीं तैनात है। ऐसे में आचार संहिता लगने के बाद काफी मुश्किलें हो सकती हैं।
कैबिनेट लेगी अंतिम निर्णय
इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार एक स्थान पर 3 वर्ष में अधिकारियों कर्मचारियों का स्थानांतरण कर देना चाहती है। सामान्य प्रशासन विभाग वर्ष 2023 की तबादला नीति के प्रारूप में इसका प्रावधान प्रस्तावित किया है। अंतिम निर्णय कैबिनेट को लिया जाना है।
प्राथमिकता के आधार पर होगा तबादला
निर्वाचन कार्य से जुड़े हुए अधिकारियों तथा कर्मचारियों का तबादला प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। चुनाव कार्य लगभग शुरू हो चुके हैं। आने वाले दिनों में चुनाव का कार्य और तेजी से संपादित होगा। ऐसे में आदर्श आचार संहिता लागू होने के पहले स्थानांतरण के सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।
राज्य सरकार का मानना है कि अगर आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव आयोग किसी भी अधिकारी कर्मचारी का स्थानांतरण करती है तो वह अपने हिसाब से करेगी। उसमें किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता न तो शासन स्तर पर और ना ही प्रशासनिक स्तर पर कुछ किया जा सकता है।
उस समय व्यवस्था की पूरी बागडोर चुनाव आयोग के हाथ में रहती है। चुनाव आयोग को ध्यान में रखते हुए सरकार आचार संहिता लगने के पहले ही स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी कर लेना चाह रही है।