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MP Tourism: इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम है एमपी का 'रावेरखेड़ी', सम्मोहित कर लेगी नर्मदा की खूबसूरती
Raverkhedi Tourism: मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है जहां की धरती में अनेकों ऐसे स्थान है यहां प्रकृति ने सौन्दर्यता का मानों उपहार दिया हों, तो वही ऐसे स्थान वीरों की गाथा बंया कर रहे है। उनमें से एक है एमपी में रावेरखेड़ी। नर्मदानदी के तट पर स्थित यह स्थल जितना ही रमणीक है तो वही वीरों की यह शान भी रहा है।
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर है स्थल
रावेरखेड़ी दो राज्यों को जोड़ता है। मध्यप्रदेश में होने के साथ ही महाराष्ट्र की सीमा क्षेत्र है। रावेरखेड़ी के अनुपम छठा को देखने के लिए एमपी ही नही महाराष्ट्र आदि राज्यों से भी पर्यटक पहुचते है। दरअसल यह स्थान सुंदर होने के साथ वीरों की वीरता का प्रतीक भी है।
अगर आप भी पर्यटन के हिसाब से घूमनें का मना बना रहे है तो यह स्थान काफी अच्छा है। यहां आप अपने परिवार के साथ पिकनिक मना सकते है, दरअसल काफी संख्या में लोग इस स्थल पर पहुचे है।
पेशवा बाजीराव प्रथम की है यहां यादे
इतिहास कार बताते है कि वीर युद्धाओं में सुमार पेशवा बाजीराव प्रथम के वीरता की यादें भी यह स्थल समेटे हुए है। बाजीराव 1740 में यहां आराम करने के लिए रूके हुए थें। उन्होने इसी स्थान पर अंतिम सांसे भी ली थी और उनकी सामाधी भी यहां बनी हुई है।
इंदौर से है 100 किमी की दूरी
इतिहास और प्रकृति सौन्दर्यता को समेटे हुए यह स्थल इंदौर से 100 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है। रावेर गांव से चंद कदम की दूरी पर खेड़ी गांव मौजूद है। माता नर्मदा नदी का कल-कल करता पानी यहां से बहता है तो यहां बने हुए परकोटे सुन्दरता के प्रतीक है, हांलाकि यहां का काफी हिस्सा जीर्णर्शीण हो चुका है। इसके मरम्मत का कार्य किया जा रहा है।