मध्यप्रदेश

एमपी के 'शुगर फ्री आलू' के विदेशी भी कायल, जानिए प्रदेश में कहां और कैसे होती है इसकी खेती?

MP Sugar Free Potato
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MP Sugar Free Potato: मध्य प्रदेश में 'शुगर फ्री आलू' बन रहा रोजगार का बड़ा साधन

MP Sugar Free Potato News: सब्जियों का राजा कहे जाने वाले आलू उत्पादन को लेकर किसानों में भी लगातर रूचि बढ़ रही है। एमपी में तैयार होने वाले आलू की एक ऐसी किस्म, जिसे शुगर-फ्रि के नाम से जाना जाता है और यह आलू विदेशियों की पंसद बन रहा है।

जानकारी के तहत इंदौर आलू उत्पादन में नई इबारत लिख रहा है। न के बराबर शुगर होने से शुगर-फ्री आलू के नाम से इसकी लोकप्रियता देश ही नहीं विदेश में भी बढ़ रही है। जिले में हर साल 45 हजार हेक्टेयर में लगभग 20 लाख मीट्रिक टन आलू उत्पादन होता है। प्रदेश का ही नहीं, देश का भी प्रमुख आलू उत्पादक जिला होने से इंदौर में "एक जिला-एक उत्पाद" योजना में आलू का चयन किया गया है।

बनाए जाते है चिप्स

इंदौर में तैयार होने वाला यह आलू आय का बड़ा स्रोत बनकर सामने आ रहा है। जिसके चलते किसान बड़ी संख्या में आलू उत्पादन की ओर आकर्षित हो रहे हैं। शुगर-फ्री आलू के चिप्स तलने के बाद लाल नहीं होते, सफेद बने रहते हैं। अब अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां तक आलू के चिप्स, फिंगर चिप्स, आलू भुजिया आदि बेचकर करोड़ों का टर्नओवर कर रही हैं।

सरकार भी दे रही बढ़ावा

आलू में बढ़ते रोजगार को देखते हुए सरकार भी इसकों बढ़ावा दे रही है। इसके लिए जिले के किसानों को 25 से 35 लाख रूपये तक का ऋण देने के साथ ही, 10 लाख रूपये की सब्सिडी दे रही है। तो वही अब इंदौरी आलू की विशेषताओं के चलते अनेक छोटी कंपनियों के साथ प्रतिष्ठित कंपनियों ने भी इंदौर में कारखाने स्थापित किये हैं।

यहां हो रही आलू की खेती

जानकारी के तहत इंदौर के महू क्षेत्र के ग्राम गवली, पलासिया, जामली, बिचौली, कोदरिया, बड़गोंदा, हरसोला, दतोदा, हासलपुर, मेमदी, कुवाली, मानपुर, टीही, राउ, रंगवासा, कैलोद और मेण में प्रमुख रूप से आलू की खेती की जा रही है। यंहा के एक किसान ने तों उन्नत आलू की खेती करके एक हेक्टेयर 400 क्विंटल तक आलू उत्पादन में अद्भुत सफलता हासिल की है। उन्होंने 7 वेरायटी का आलू उत्पादन किया है। जबकि आमतौर पर एक हेक्टेयर में 220 में 240 क्विंटल तक आलू का उत्पादन होता है।

आलू में इस तरह के भरे हुए गुण

आलू अनेक गुणों से भरपूर है। बताते है कि इसमें स्वास्थ्य-वर्धक तत्व-विटामिन, आयरन, केल्शियम, मेग्नीज, फास्फोरस आदि होते हैं। त्वचा जलने में आलू का औषधीय प्रयोग होता है। आलू से बनने वाले चिप्स, पापड़, समोसा, कचौड़ी, आलूबड़ा, टिक्की, फ्रेंच फ्राइस और पराठे हर किसी की पंसंद बनते है।

Viresh Singh Baghel | रीवा रियासत

Viresh Singh Baghel | रीवा रियासत

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