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एमपी: कंठ तक कर्ज में डूबी शिवराज सरकार, फिर से 52 हजार करोड़ का लेने वाली है ऋण
CM Shivraj Singh Loan News: एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आंख मूंदकर घोषणा करने के लिए विख्यात है। कई बार उनकी यह घोषणाएं रैली और सभा के दौरान भावनात्मक भी होती हैं। पैसा पानी की तरह बहाया जाता है। आधी अधूरी पड़ी योजनाएं, प्रदेश पर बढ़ता कर्ज प्रदेश को दिनों दिन कर्जदार बना रहा है। अगर कर्ज के बारे में कुछ पूछा या कहा जाता है तो सीएम का दो टूक यही जवाब रहता है कि सब नियम के मुताबिक हो रहा है। आखिर एक बार फिर सीएम शिवराज सिंह चौहान 52 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने वाले हैं।
प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति कर्जदार
प्रदेश का व्यक्ति अपने निजी कार्यों के लिए ऋण नहीं लिया हुआ है। उसके बाद भी वह करीब 40,000 रुपए का कर्जदार है। क्योंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कितना कर्ज लिया है इस पर अगर प्रदेश की जनता स्थिति को देखी जाए तो पता चलता है कि हर व्यक्ति कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। जानकार अर्थशास्त्रियों का कहना है कि जिस तरह प्रदेश के मुख्यमंत्री धड़ाधड़ कर्ज ले रहे हैं उससे कहीं प्रदेश की नौबत श्रीलंका के जैसी न हो जाए।
क्या कहते हैं सरकार के मंत्री
इस संबंध में शिवराज सिंह चौहान के मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि सरकार द्वारा लिया जाने वाला कर्ज सीमा के भीतर ही है। उन्होंने यह तर्क देते हुए कहा की एक भी दिन सरकार ओवरड्राफ्ट नहीं हुई है। साथ ही उन्होंने विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के पास बैठे बैठे आरोप लगाने के सिवा कोई कार्य नहीं है। तभी तो उसकी सरकार डेढ वर्ष भी नहीं चल सकी।
19 साल में बढा कर्ज
19 वर्ष के शासनकाल में शिवराज सरकार ने कांग्रेस सरकार की अपेक्षा 16 गुना ज्यादा कर्ज लिया है। बताया गया है कि दिग्विजय सिंह अपने 10 साल के शासन काल के आखरी वर्ष में 20 हजार करोड़ रुपए का कर्ज प्रदेश पर छोड़ गए थे। लेकिन शिवराज सरकार बनने के बाद 19 वर्ष का समय व्यतीत हो चुका है और शिवराज सरकार ने प्रदेश पर करीब 334000 करोड़ रुपए का कर्ज कर दिया है।
प्रदेश के अर्थशास्त्रियों का कहना है की शिवराज सरकार भले ही यह कह रही है कि नियमों के तहत कर्ज लिया जा रहा है। सरकार ओवरड्राफ्ट 1 दिन के लिए भी नहीं हो रही है फिर भी बिना सोचे समझे लिए जाने वाला कर्ज एक न एक दिन तक देश के विकास पर भारी पड़ेगा। यदि मुफ्त बांटने का कारोबार इसी तरह चलता रहा तो देश और प्रदेश की हालत श्रीलंका जैसी हो सकती है।