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एमपी शिक्षाकर्मी भर्ती घोटालाः तत्कालीन CEO सहित 8 को 3 वर्ष की सजा
Satna MP Shikshakarmi Ghotala: सतना जिले की अमरपाटन जनपद पंचायत में शिक्षाकर्मियों की भर्ती में हुए घोटाले के चर्चित मामले में न्यायालय द्वारा तत्कालीन जनपद पंचायत सीईओ सहित 8 लोगों को दोषी करार दिया गया है। आरोप सिद्ध होने के बाद पीसी एक्ट की विशेष अदालत ने 3-3 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।
सभी अभियुक्तों पर 17-17 हजार रूपए के अर्थदंड से भी दण्डित किया गया है। गौरतलब है कि इस मामले में 5 आरोपियों की विचारण के दौरान मृत्यू हो चुकी है।
गौरतलब है कि जनपद पंचायत अमपरपाटन में शिक्षाकर्मी वर्ग 3 के 176 एवं राजीव गांधी शिक्षा मिशन के 64 स्वीकृत पदों पर की गई नियुक्ति में गड़बड़ी के मामले में सतना के भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने सोमवार को अपना फेसला सुना दिया। विशेष न्यायाधीश अनुराग द्विवेदी ने भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्ट्राचार, नियमों के उल्लंघन और दस्तावेजों में काट छांट कर अयोग्यों को लाभ पहुंचाने का आरोप प्रमाणित पाया।
इन्हें मिली सजा
इस चर्चित मामले में अमरपाटन जनपद के तत्कालीन सीईओ अरूण कुमार श्रीवास्तव 70 वर्ष निवासी पोस्ट ऑफिस के सामने लक्ष्मीनारायण मार्ग ब्यौहारी शहडोल सहित तब की सामान्य प्रशासन समिति शिक्षा समिति तथा चयन समिति में शामिल 8 लोगों को पीसी एक्ट एवं आईपीसी की धारा 420 में दो वर्ष, 468 में तीन वर्ष की कैद तथा 17-17 हजार रूपए की सजा दी गई है।
इसके अलावा जिन्हंे सजा सुनाई गई है उनमे भुवनेश्वर प्रसाद मिश्रा पुत्र रामेश्वर प्रसाद मिश्रा 76 वर्ष तत्कालीन सहायक शाला निरीक्षक निवासी डोमा अमरपाटन, अनंत कुमार शुक्ला पुत्र राजमी प्रसाद शुक्ला 53 वर्ष तत्कालीन सहायक ग्रेड 3 प्रभारी लिपिक निवासी हरदुआ चद्रवार रामनगर, शिवबहादुर सिंह पुत्र 55 वर्ष तत्कालीन व्याख्याता बालक उमावि अमरपाटन बरहटा मऊगंज रीवा, दुअसिया पटेल 71 वर्ष तत्कालनी अध्यक्ष सामान्य प्रशासन समिति निवासी रैकवार अमरपाटन शामिल है।
इनके अलावा जनपद की तत्कालीन शिक्षा स्थायी समिति एवं चयन समिति के सदस्य रहे देवेन्द्र त्रिपाठी 65 वर्ष ताला, किशन राज सिंह पुत्र तिलकराज सिंह 75 वर्ष त्योंधरी सतना, गुरूचरण सिंह पुत्र बृजेन्द्र सिंह 68 वर्ष निवासी ग्राम भीष्मपुर अमरपाटन सतना को दंडित किया गया है।
की गई थी शिकायत
सहायक लोक अभियोजन अधिकारी फखरूद्दीन ने बताया कि सतना जिले में शिक्षा कर्मी भर्ती में अनियमितता की शिकायत जेएस बघेल द्वारा लोकायुक्त एसपी कार्यालय रीवा में की गई थी। लोकायुक्त ने छापेमारी कर प्रकरण दर्ज किया और विवेचना शुरू की तो पता चला कि भर्ती में ऐसी अनियमितताएं अलग-अलग जनपद पंचायतों में भी की गई है।
लोकायुक्त अमरपाटन जनपद में हुई गड़बड़ी के मामले में 13 लोगों के खिलाफ चालान वर्ष 2002 में पेश किया गया था। जिनमे से 5 लोगों की मृत्यू विचारण के दौरान हो गई। अभियोजन ने प्रकरण के समर्थन में 493 दस्तावेज प्रस्तुत किए और 33 गवाहों के बयान कराए।