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एमपी स्कूल शिक्षा विभाग स्थानांतरण प्रक्रिया में संशोधन, अब DEO आफिस में करना होगा आवेदन
MP School Transfer New Rules 2023: मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग में तबादलों के लिए नई व्यवस्था लागू कर ट्रांसफर की आनलाइन व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है। अब जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में ट्रांसफर के लिए आवेदन करना होगा। इस संबंध में गुरुवार को आयुक्त लोक शिक्षण अनुभा श्रीवास्तव ने निर्देश जारी कर दिए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग में एक जिले से दूसरे जिले व एक संभाग से दूसरे संभाग में स्थानांतरण विभागीय मंत्री इंदर सिंह परमार के प्रशासकीय अनुमोदन उपरांत किया जाना है।
बता दें की अभी तक ट्रांसफर में परदर्शिता को बनाए रखने के लिए आनलाइन आवेदन बुलवाए जा रहे थे। लेकिन अब आनलाइन व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है। गुरुवार को आयुक्त लोक शिक्षण अनुभा श्रीवास्तव ने नए संशोधित निर्देश जारी किए हैं। जिसके तहत समस्त संवर्गों के स्थानांतरण आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा किए जाएंगे। कोई भी आवेदन सीधे संचालनालय स्तर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।
आवेदक द्वारा स्थानान्तरण आवेदन में अपना नाम, यूनिक आईडी, पदनाम, पदस्थ संस्था का नाम एवं डाइस कोड, स्थानांतरण का कारण तथा वांछित संस्था का नाम एवं डाइस कोड स्पष्ट रूप से उल्लेखित करना होगा। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा समस्त आवेदनों का परीक्षण कर संलग्न प्रारूप पर समस्त आवेदनों का प्रस्ताव संचालनालय को प्रेषित किया जाएगा प्रपत्र के सभी कॉलम की पूर्ति अनिवार्य रूप से की जाएगी।
आवेदन की प्रति संलग्न की जाएगी तथा प्रपत्र का सरल कमांक आवेदन पर अंकित करना अनिवार्य होगा। जिला स्तर पर आवेदनों का परीक्षण करते समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि वांछित शाला में रिक्ति होने की दशा में ही प्रस्ताव संचालनालय को प्रेषित किया जाए। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इस तथ्य का भी परीक्षण कर लिया जाए कि स्थानांतरण होने पर कोई भी शाला शिक्षक विहीन न हो। यदि शिक्षक के स्थानांतरण से शाला शिक्षक विहीन होने की संभावना है तो उसे प्रस्ताव में शामिल न किया जाए।
सीएम राईज / उत्कृष्ट / मॉडल स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों को उसी श्रेणी की शालाओं में स्थानांतरण का प्रस्ताव प्रेपित किया जाएगा, अन्य शालाओं में नहीं नवीन भर्ती द्वारा नियुक्त शिक्षकों के अंतरजिला स्थानांतरण रिक्त पद की उपलब्धता के आधार पर किए जा सकेंगे। सभी प्रस्ताव 5 सितंबर तक सॉफ्ट एवं हार्ड कॉपी में अनिवार्य रूप से विशेष वाहक से प्रेषित की जाएगी एवं सॉफ्ट कॉपी ई-मेल पर प्रेषित की जाएगी।
एक जिले का एक ही बार प्रस्ताव मान्य किया जाएगा। मप्र शिक्षक कांग्रेस के प्रांताध्यक्ष सुभाष सक्सेना का कहना है कि पूर्व में आनलाइन ट्रांसफर से पारदर्शिता रहती थी। अब आफलाइन पालिसी से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। सक्सेना का आरोप है कि संभवतः आफ लाइन भी इसलिए किया गया है।