मध्यप्रदेश

MP School-College News: स्कूल-कॉलेजों के एडमिशन एवं फीस से जुड़े आदेश जारी

MP School News
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मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री ने स्कूल और कॉलेजों के लिए एक आदेश जारी किया हैं।

Madhya Pradesh School News: मौजूदा हालातों तथा पूर्व में बीते आपदा के दिनों को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्कूल और कॉलेजों के लिए एक आदेश जारी किए हैं। इसे आदेश से प्रदेश के उन अभिभावकों को राहत मिलेगी जिनके बच्चे स्कूल तथा कालेजों में पढ़ते हैं। मुख्यमंत्री ने यह आदेश प्रदेश में संचालित निजी एवं शासन द्वारा अनुदान प्राप्त विद्यालयों एवं महविद्यालयों के लिए किया है।

सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि शैक्षणिक सत्र 2020-22 में कोई भी शासकीय एवं निजी कॉलेज किसी भी तरह की शुल्क वृद्धि नहीं करेंगे। साथ ही निजी स्कूल जो कक्षा 1 से आज तक के बच्चों को प्रवेश देने के लिए टेस्ट लिया करते थे अब उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस आदेश के माध्यम से प्रदेश के स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों को विशेष राहत दी गई है।

प्रवेश देने बच्चों का नहीं लिया जाएगा टेस्ट

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार अब बच्चों को स्कूल में प्रवेश के लिए टेस्ट नहीं दिलवाना पड़ेगा। जारी किए गए नियम के अनुसार कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक के बच्चों को प्रवेश देते समय टेस्ट लिया जाता था। इस टेस्ट के माध्यम से स्कूल बच्चों का दिमागी और शैक्षणिक स्तर आकलन करते थे। लेकिन कोरोना की वजह से पिछले 2 वर्षों में शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित रही हैं। ऐसे में सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा से आठवीं तक प्रवेश टेस्ट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

होगी कार्यवाही

यह प्रतिबंध आदेश सीबीएसई, आईसीएसई तथा मध्य प्रदेश बोर्ड से मान्यता प्राप्त सभी विद्यालयों के लिए जारी किया गया है। जारी किए गए आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर कोई भी विद्यालय स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश निर्देश का पालन नहीं करता तो उस पर कार्यवाही की जाएगी।

कॉलेज नहीं करेंगे शुल्क वृद्धि

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 में शासकीय महाविद्यालयों और निजी महाविद्यालयों में फीस की बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। उच्चशिक्षा मंत्री मोहन यादव का कहना है कि कोरोना की वजह से पहले ही प्रदेश के लोगों की स्थिति खराब चल रही है। ऐसे में अगर फीस में वृद्धि कर दी जाती है तो कई परिवार के बच्चों को पढ़ने में आर्थिक संकट जैसी परेशानी उत्पन्न हो सकती है।

ऐसे में फीस वृद्धि पूर्णतया अनुचित माना गया है। सरकार ने गंभीरता से विचार करते हुए इस मामले पर निर्णय लिया है। प्रदेश के छात्रों का पठन-पाठन का कार्य प्रभावित न हो इसके लिए यह आदेश जारी किया गया है।

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