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एमपी के पन्ना टाइगर रिजर्व ने फिर किया नाम रोशन, बाघों की गणना में मिली वैरी गुड रैंकिंग
बाघ पुनर्स्थापना योजना को सफल बनाने में एमपी का पन्ना टाइगर रिजर्व (पीटीआर) ने अपना नाम दुनिया के पटल पर रखा है। मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में पीटीआर का बड़ा योगदान रहा है। पन्ना टाइगर रिजर्व इस बार भी अहम भूमिका अदा करने वाला है। बाघों की गणना संपन्न हो चुकी है, पीटीआर ने गुड श्रेणी से वैरी गुड रैंकिंग में अपना स्थान बनाया है। जिससे समूचा मध्यप्रदेश गौरवान्वित है।
पीटीआर में 80 से अधिक बाघ
मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में वर्तमान समय पर 80 से अधिक बाघ मौजूद हैं। जिसमें 55 से 60 बाघ वयस्क हैं जबकि 20 से अधिक शावक भी यहां मौजूद हैं। जिनका दीदार करने के लिए देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक पहुंचते हैं। पीटीआर में बाघों की अठखेलियां देख सैलानी रोमांचित हो उठते हैं। दरअसल केन्द्र सरकार ने देश में हुई बाघों की गणना के परिणाम जारी कर दिए हैं। विभिन्न मानकों के आधार पर अलग-अलग टाइगर रिजर्वों की रेटिंग भी जारी कर दी गई है।
एमईई में मिला 83.33 प्रतिशत स्कोर
टाइगर रिजर्वों की जारी हुई रेटिंग में पन्ना टाइगर रिजर्व को 83.33 प्रतिशत एमईई स्कोर हासिल हुआ है। पीटीआर वर्ष 2018 की गणना में गुड रेटिंग में था किंतु इस बार वैरी गुड रेटिंग में पहुंच गया है। 20 अन्य टाइगर रिजर्वों के साथ पन्ना टाइगर रिजर्व को यह रेटिंग मिली है। जिसमें बाघों की सुरक्षा, पर्यटन, रिसर्च, पेपर प्रकाशन, री लुकेशन सहित अन्य मानकों को भी इसमें शामिल किया गया था। मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में पीटीआर का बड़ा योगदान रहा है। यहां विचरण कर रहे बाघों को देखने के लिए काफी संख्या में सैलानी रोजाना पहुंचते हैं। पीटीआर ने गुड से वैरी गुड रैंकिंग में अपना स्थान बनाया है जो पन्ना सहित समूचे मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात है।