मध्यप्रदेश

MP : तीन साल से चल रही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अब नया विवाद, किया जा रहा अपात्र

News Desk
10 Jun 2021 5:19 AM IST
MP : तीन साल से चल रही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अब नया विवाद, किया जा रहा अपात्र
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भोपाल। मध्य प्रदेश में तीन साल से चल रही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है। शिक्षक पात्रता परीक्षा में मेरिट में आए करीब 780 अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के दौरान अमान्य कर बाहर कर दिया गया है। अब ये चयनित शिक्षक सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ा पाएंगे। सभी अभ्यर्थी बायोलॉजी के सह विषय यानी माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त हैं। हालांकि इनमें से अधिकतर अभ्यर्थी वर्तमान में अतिथि शिक्षक के तौर पर पढ़ा रहे हैं लेकिन उन्हें शिक्षक के लिए पात्र नहीं माना जा रहा है।

भोपाल। मध्य प्रदेश में तीन साल से चल रही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है। शिक्षक पात्रता परीक्षा में मेरिट में आए करीब 780 अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के दौरान अमान्य कर बाहर कर दिया गया है। अब ये चयनित शिक्षक सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ा पाएंगे। सभी अभ्यर्थी बायोलॉजी के सह विषय यानी माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त हैं। हालांकि इनमें से अधिकतर अभ्यर्थी वर्तमान में अतिथि शिक्षक के तौर पर पढ़ा रहे हैं लेकिन उन्हें शिक्षक के लिए पात्र नहीं माना जा रहा है।

बता दें कि वर्ष 2018 में करीब 30 हजार पदों के लिए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। फरवरी-मार्च 2019 में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड पीईबी द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया। वर्ग-1 और वर्ग-2 में करीब पांच लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। इसमें करीब ढाई लाख अभ्यर्थी पास भी हुए लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सिर्फ 20672 पद ही स्वीकृत किए गए। जानकारी के मुताबिक भर्ती में बायोलॉजी में 1699 पद स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 1239 अभ्यर्थियों के नाम चयन सूची में है और शेष 460 प्रतीक्षा सूची में हैं। इसमें से करीब 60 फीसद अभ्यर्थी बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री के हैं।

जब पहले मान्य किया तो अब क्यों नहीं

अभ्यर्थियों का कहना है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्ष 2005, 2008 और 2011 में शिक्षक भर्ती में बायोकेमेस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी विषयों के उम्मीदवारों को शिक्षक के तौर पर नियुक्ति दी गई थी। उन्हें संविदा शिक्षक के तौर पर भर्ती किया था जिनका वर्ष 2018 में संविलियन कर लिया गया।

नियमावली में नहीं है उल्लेख

अभ्यर्थियों का कहना है कि अगस्त 2018 में राजपत्र में जारी दिशा.निर्देश में यह उल्लेखित नहीं किया गया था कि माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी और बायोकेमेस्ट्री विषयों के अभ्यर्थियों को आगे की भर्ती में अपात्र माना जाएगा। साथ ही पीईबी द्वारा जारी दिशा.निर्देश में भी इस बात का उल्लेख नहीं था कि बायोलॉजी के सह विषय से स्नाकोत्तर पास अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल होने के लिए पात्र नहीं होंगे। मामले में जयश्री कियावत आयुक्त लोक शिक्षण संचालनायल का कहा है कि शासन के निर्देशानुसार व नियमानुसार शिक्षक भर्ती की जा रही है।

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