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एमपी के नसरुल्लागंज का बदला नाम, अधिसूचना जारी, अब कहलाएगा भैरूंदा
मध्यप्रदेश के नसरुल्लागंज का नाम बदल दिया गया है। जिसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई। नसरुल्लागंज अब परिवर्तित नाम भैरूंदा से जाना जाएगा। यह दिन नसरुल्लागंज के लिए बहुत ही खास है क्योंकि इसी दिन नगर का गौरव दिवस भी मनाया जा रहा है। इसी दिन सुबह जैसे ही राजपत्र जारी होने की सूचना तक तक पहुंची तो नगर में उत्सव मनाया जाने लगा। नाम परिवर्तित होने पर लोगों ने जमकर एक-दूसरे को बधाई दी।
सीएम वर्ष 2021 में कर चुके थे घोषणा
नसरुल्लागंज का नाम बदलने की मांग लोगों द्वारा लम्बे समय से की जा रही थी। वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसकी घोषणा भी कर चुके थे किंतु नाम नहीं बदला जा रहा था। लोगों ने इस मामले को पुनः उठाते हुए अपनी आवाज बुलंद की। लोगों द्वारा यह मांग भी की गई कि नसरुल्लागंज का नाम भैरूंदा होना चाहिए। जिसके पीछे लोगों ने इसका इतिहास भी बताया था। उच्च अधिकारियों के माध्यम से सरकार तक प्रस्ताव पहुंचाने का कार्य किया गया। जिसके सुखद परिणाम 2 अप्रैल को सामने आए।
नगर के गौरव दिवस के दिन मिली सौगात
बीते वर्ष गौरव दिवस मनाया के दौरान होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम और बाबई को माखन नगर का नाम दिया गया था। किंतु नसरुल्लागंज का नाम परिवर्तित नहीं होने से लोगों में निराशा छा गई थी। किंतु उनके द्वारा अपने नगर का नाम प्राचीन पहचान के आधार पर रखने के लिए आवाज बुलंद की। जिस पर नगर के गौरव दिवस के दिन लोगों को परिवर्तित नाम के रूप में भैरूंदा की सौगात मिली।
इसलिए पड़ा भैरुंदा नाम
आज जिस जगह पर नसरुल्लागंज बसा हुआ है वहां एक छोटा सा नगर हुआ करता था। जहां पर कुछ जाति विशेष के लोग और अन्य समाज के लोग निवास करते थे। तब यहां का नाम भैरूंदा था। किंतु कालांतर में जब मालवा, भोपाल और आसपास के क्षेत्र में मुगलों का राज कायम हुआ तो नाम बदलकर नसरुल्लागंज कर दिया गया था। भैरूंदा का नाम पुरानी परंपरा के आधार पर रखा गया था। पहले लोग गांव, शहर या कस्बे का नाम उसे बसाने वाले व्यक्ति, किसी जाति विशेष के आधार पर अथवा अपने आराध्य देव के नाम पर रखते थे। भैरूंदा का नाम भी इसी परंपरा के आधार पर पड़ा। यहां निवास करने वाले कलोता समाज के लोगों के आराध्य देव भैरू महाराज हैं। जिनके प्रति आस्था होने के कारण यहां का नाम भैरूंदा रखा था।