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भोपाल। मुख्यमंत्री कोविड-19 जन कल्याण योजना के तहत मध्यप्रदेश सरकार ऐसे बच्चों को पेंशन देने की योजना तैयार की है जिनके माता-पिता या अभिभावक की कोरोना से मौत हो गई है। कोरोना संक्रमण से माता.पिता या अभिभावक की मौत होने पर अनाथ हुए बच्चों के पालन.पोषण की योजना का प्रारूप तैयार हो गया है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कोविड.19 जन कल्याण पेंशन शिक्षा एवं राशन योजना की घोषणा की थी।
इस योजना में अनाथ बच्चों को 21 साल की उम्र तक हर माह पांच हजार रुपये पेंशनए पात्रता न होते हुए भी हर माह राशन और पहली से पीएचडी तक निशुल्क शिक्षा देने का प्रविधान किया जा रहा है। इसका लाभ एक मार्च 2020 के बाद कोरोना से मृत लोगों के आश्रित बच्चों को मिल सकेगा।
क्या होगी पात्रता
बताया गया है कि बच्चों के माता.पिता या अभिभावक की मौत कोरोना से होने या ठीक होने के दो माह के अंदर हुई हो उन्हें योजना का लाभ दिया जायेगा। इसी तरह आरटीपीसीआरए रैपिड और सीटी स्कैन के आधार पर डॉक्टर ने कोरोना की पुष्टि की हो। इस योजना का लाभ शून्य से 21 वर्ष तक के बच्चों को मिलेगाए वहीं परिवार को पहले से सरकारी पेंशन न मिलती हो और परिवार को मुख्यमंत्री कोविड.19 योद्धा कल्याण योजना के तहत लाभ न मिला हो।
क्या-क्या मिलेगा लाभ
बता दें कि इस योजना के तहत जो लाभ बच्चों मिलेगा उसमें पहली से पीएचडी तक निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी। आठवीं तक निजी स्कूलों में आरटीई के तहत पढ़ाया जाएगा। नौवीं या उसके बाद निजी स्कूलों की पात्रता नहीं रहेगी। उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा संस्थान ऐसे विद्यार्थियों से प्रवेश शुल्क नहीं लेंगे। विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाएगी।
सरकार सिर्फ शिक्षण शुल्क देगी। दस माह तक हर महीने 1500 रुपये निर्वाह भत्ता। स्नातकोत्तर अध्ययन के लिए नगर निगम क्षेत्र में 500 और नगर पालिका क्षेत्र में 300 रुपये परिवहन भत्ता दिया जाएगा। वहीं योजना का लाभ लेने के लिए मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए। साथ ही जन्म प्रमाण पत्र, कोरोना से माता-पिता या अभिभावका की मौत का मेडिकल बोर्ड से प्रमाण होना चाहिए। तत्पश्चात पात्रता रखने वाले आवेदन कर सकेंगे।