- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- MP Kisan News: लगातार...
MP Kisan News: लगातार हो रहीं खेतो में आग की घटनाएं, कृषि विज्ञान केंद्र ने बताएं सुरक्षा और हादसे से बचने के उपाय
MP Kisan News: वर्तमान समय में रवि फसलों की कटाई जोरों पर चल रही है साथ में थ्रेसरिंग का कार्य भी जोरों पर है। वर्तमान समय में तापमान और गर्मी बढ़ी हुई है। ऐसे में आगजनी के साथ ही मशीनों के माध्यम से हादसे बढ़ जाते हैं। इन हादसों से बचने के लिए तथा फसलों का उचित प्रबंधन करने कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को आवश्यक जानकारी देता है। आइए आज हम कृषि विज्ञान केंद्र के बताए उन उपायों पर चर्चा करें जिनके माध्यम से रबी फसलों की तथा स्वयं की रक्षा सुरक्षा कैसे करें।
बिजलीतार के नीचे न रखें कटी फसल
कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को फसल सुरक्षा के लिए जानकारी देते हुए बताया है कि कटी हुई फसलों को खेत के उस जगह ना रखें जहां से बिजली के तार गुजर रहे हैं। बिजली के नीचे कटी फसल रखने पर कई बार स्पार्क होने की वजह से आग लग जाती है। ऐसे में फसल को बिजली के तार और खंभों से दूर रखना चाहिए। साथ ही अगर इलेक्ट्रिक थ्रेसर का उपयोग किया जा रहा है तो कटी फटी तार का उपयोग करने से बचना चाहिए।
सुरक्षा का रखें ध्यान
कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा बताया गया है कि कटाई के बाद थ्रेसरिंग करते समय किसान को अपना तथा सहयोगियों का ध्यान रखना चाहिए। कई बार जल्दबाजी के साथ ही लापरवाही भारी पड़ जाती है। इसलिए बताया गया है कि सड़क किनारे थ्रेसरिग नहीं करना चाहिए। क्योंकि सड़क पर धूल होने से निकल रहे यात्री बचने के चक्कर में हादसे के शिकार हो जाते हैं।
कहा गया है कि थ्रेसरिंग के समय काम कर रहे मजदूर गमछा आदि का उपयोग न करें। डस्ट से बचने के लिए सभी को मास्क का उपयोग करना चाहिए। कई बार गमछा थ्रेसर में फंस जाने से बड़े हादसे हो जाते हैं। ऐसे में आवश्यक है कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गमछे का उपयोग बिल्कुल न करें।
बीज उत्पादन के लिए ऐसे करें थ्रेसरिग
कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा बताया जाता है कि खेत के उस कटी हुई फसल को 400 से 500 आरपीएम पर थ्रेसर चलाएं जिसका बीज अगले वर्ष उपयोग के लिए रखना है। ज्यादा गति से चलने वाले थ्रेसर मैं बीज कट और टूट जाते हैं। जिससे उनकी अंकुरण क्षमता नष्ट हो जाती है और बोने के बाद किसानों को जर्मिनेशन कम मिलता है।
ऐसे करें फसल सुरक्षा
फसल सुरक्षा करने के लिए किसानों को आवश्यक है कि वह अपने नजदीकी विद्युत विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का नंबर रखें। किसी भी विद्युत से होने वाले हादसे के समय पर सूचित कर विद्युत प्रवाह रोका जा सके। साथ में आपदा प्रबंधन कार्यालय, फायर ब्रिगेड तथा क्षेत्रीय थाने का नंबर अवश्य रखना चाहिए।