मध्यप्रदेश

MP : आरोप-प्रत्यारोप में उलझी सरकार व विपक्षी पार्टी कांग्रेस, अजय सिंह ने कहा...

News Desk
25 May 2021 4:37 AM IST
MP : आरोप-प्रत्यारोप में उलझी सरकार व विपक्षी पार्टी कांग्रेस, अजय सिंह ने कहा...
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भोपाल। इन दिनों मध्यप्रदेश में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। जहां भाजपा नेताओं द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ एक बयान को लेकर एफआईआर दर्ज कराई तो वहीं कांग्रेस भी जवाबी कार्रवाई का मन बना लिया और कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करने की मांग की। दोनों प्रमुख पार्टियां एक-दूसरे के नेताओं पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।

भोपाल। इन दिनों मध्यप्रदेश में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। जहां भाजपा नेताओं द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ एक बयान को लेकर एफआईआर दर्ज कराई तो वहीं कांग्रेस भी जवाबी कार्रवाई का मन बना लिया और कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करने की मांग की। दोनों प्रमुख पार्टियां एक-दूसरे के नेताओं पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।

इसी बीच पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि शिवराज सरकार द्वारा कोरोना महामारी से पीड़ित परिवारों तक सहायता पहुंचाने के बजाए आकंड़ों की लुकाछिपी का खेल खेलना दुखद और शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष का यह दायित्व है कि वह सरकार को जमीनी हकीकत बताने का काम करे। सच यह है कि जमीनी हकीकत बहुत भयावह है लेकिन शिवराज सरकार उस हकीकत को छिपाने की असफल कोशिश कर रही है।

एफआईआर से भयभीत करा रही सरकार

उन्होंने कहा कि कमल नाथ अगर सरकार को आइना दिखा रहे हैं तो यह उनका दायित्व है। उनके ऊपर एफआईआर करने से और अपनी बौखलाहट निकालकर हकीकत को छिपाने से कुछ नहीं होने वाला है। सिंह ने कहा कि अगर शिवराज एफआइआर करके कांग्रेस को भयभीत करना चाहते हैं तो वे बहुत गलतफहमी में हैं।

कांग्रेस ऐसे ओछे हथकंडों से न पहले कभी डरी है और न भविष्य में डरने वाली है। प्रदेश के हर गांव और शहर में व्याप्त कुव्यवस्था और अराजकता की शिकार जनता को सब जानकारी है कि उनके आसपास क्या और कैसे घटित हुआ है। इसको छिपाने की असफल कोशिश करके शिवराज सिंह अपने आप को ही धोखा दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आइने को दोष देने से बेहतर है कि शिवराज अपनी व्यवस्था को दुरुस्त करें। अजय सिंह ने मांग की है कि जमीनी हकीकत की जानकारी के लिए किसी स्वतंत्र एजेंसी को जांच का काम सौंपा जाए।

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