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एमपी किसान के बेटे ने 4200 मीटर ऊंची पातालसु चोटी पर फहराया तिरंगा, बने पर्वतरोही
मध्यप्रदेश में किसान के बेटे ने 4200 मीटर ऊंची पातालसु चोटी पर तिरंगा फहराकर पर्वतरोही बन गए हैं। यह चोटी हिमाचल प्रदेश के कुल्लू मनाली जिले के पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला में स्थित है। जहां पर एमपी के लाल ने तिरंगा फहराकर इस चोटी को जीत लिया है। वह एक निजी कंपनी में जॉब करते हैं। जिनका बचपन से ही पर्वतारोहण का शौक रहा है।
बैतूल के प्रताप बने पर्वतरोही
एमपी के बैतूल निवासी युवक प्रताप बिसंद्रे जिले के पहले पर्वतरोही बन गए हैं। पर्वतारोहण का शौक उन्हें बचपन से ही था। बैतूल के बड़गांव आमला निवासी किसान रामचरण के पुत्र प्रताप बड़ोदरा में निजी फार्मा कंपनी में जॉब करते हैं। अपने शौक को पूरा करने के लिए उन्होंने उत्तराकाशी के एनआईएम संस्थान से माउंटेन रॉक क्लाइंबिंग की ट्रेनिंग ली। जिसके बाद इस पर्वत पर चढ़ाई करने का सपना बुना। उनके द्वारा एक गाइड की मदद से गत 9 अप्रैल को पीर पंजाल की पर्वत श्रृंखला पर चढ़ाई शुरू की। उनके साथ मुरादाबाद के मनोज कुमार और नागपुर के राजेश सोनवाल भी थे। बेस कैंप में पहुंचने के बाद उन्होंने केवल 6 घंटे में ही 4200 मीटर ऊंची चोटी को विजित कर लिया।
पीर पंजाल पर्वत पर की चढ़ाई और हुए विजयी
बैतूल के प्रताप ने जिस पीर पंजाल पर्वत पर चढ़ाई की और उनके द्वारा विजय हासिल की वह भारत के हिमाचल प्रदेश और जम्मू व कश्मीर राज्यों और पाक अधिकृत कश्मीर में चलती है। हिमालय की इस पर्वत माला में धौलाधार और पीर पंजाल श्रृंखलाओं की ओर ऊंचाई ज्यादा हो जाती है। निचले हिमालय की सर्वोच्च श्रृंखला है पीर पंजाल। सतलुज नदी के किनारे यह हिमालय के मुख्य भाग से अलग होकर अपने एक तरफ ब्यास और रावी नदियसां और दूसरी ओर चेनाब नदी रखकर चलने लगती है। पश्चिम की ओर आगे जाकर उत्तरी पाकिस्तान पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा की पहाड़ी गलियां इसी पीर पंजाल श्रृंखला का अंतिम कम ऊंचाई वाला भाग है।
माउंट एवरेस्ट पर ध्वज फहराने का है सपना
प्रताप का कहना है कि उनका सपना अब दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भारत की आन बान शान राष्ट्रीय ध्वज फहराकर सफलतापूर्वक आरोहरण कर अपने जिले के साथ प्रदेश का नाम रोशन करना है। जिसके लिए वह इसी महीने एडवांस्ड कोर्स के लिए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी उत्तराखंड जाएंगे। प्रताप के मुताबिक उन्होंने बेसिक कोर्स नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी उत्तराखंड से 2021 में अल्फा ग्रेड के साथ पूरा किया। जिसमें उत्तरकाशी के डोकरानी बामक ग्लेशियर में स्थित माच्छाधार चोटी पर सफलतापूर्वक आरोहण किया। यह चोटी 4816 मीटर ऊंचाई पर है।