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MP College: मध्यप्रदेश के छात्रों के लिए सबसे बड़ी खबर, ऐसे तैयार होगा सिलेबस
MP College: हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए अब चिकित्सा पाठ्यक्रम को हिन्दी में तैयार किया जा रहा है। जिससे डॉक्टर की पढ़ाई करने वाले मेडिकल छात्र हिन्दी पाठ्यक्रम अपना पूरा ज्ञान अच्छी तरह से कर सकें। खबरों के तहत हिन्दी पाठ्यक्रम से पढ़ाने की तैयारी भोपाल के जीएमसी कॉलेज से शुरू हो रही है।
इस पाठ्यक्रम को तैयार करने के लिए 2 चरण और 3 समितियां भी बनाई गई है। इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने सभी को निर्देश जारी कर दिए है।
सीएम ने की थी धोषणा
चिकित्सा पाठ्यक्रम को हिन्दी में शुरू किए जाने की घोषणा स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस पर प्रदेशवासियों के नाम अपने संदेश में किए थें। चिकित्सा शिक्षा विभाग इस पर अब अमल भी शुरू कर दिया है।
सभी कालेजों में प्रक्रिया शुरू
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग का कहना है कि प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों पाठ्यक्रम को हिन्दी में पढ़ाये जाने की कार्यवाही जारी है।
मंत्री श्री सारंग के मुताबिक चिकित्सा शिक्षा के प्रथम वर्ष के विषयों के लिए हिन्दी में सप्लीमेंट्री पुस्तकों को तैयार करने के लिये विषय-विशेषज्ञों से चर्चा भी की गई। वही अटल बिहारी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति, रजिस्ट्रार तथा एम्स भोपाल और गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सकों के साथ आयुक्त चिकित्सा शिक्षा की मौजूदगी में हिन्दी पाठ्यक्रम को लेकर चर्चा की गई है। इस दौरान जो रणनीति बनाई गइ्र्र है।
प्रथम चरण
इसमें चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम को पढ़ाते समय चिकित्सा शिक्षकों द्वारा हिन्दी भाषा का अधिकाधिक प्रयोग किया जायेगा। साथ ही प्रथम वर्ष के चिकित्सा छात्रों की स्टडी कर आकलन किया जायेगा। पहले हिन्दी पृष्ठभूमि के छात्रों का 2 माह अंग्रेजी माध्यम से एवं 2 माह हिन्दी भाषा के उपयोग से पठन-पाठन का आकलन भी किया जायेगा।
द्वितीय चरण
इसमें एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 3 विषयों की पूरक संदर्भ पुस्तकों को हिन्दी भाषा में तैयार किया जायेगा। इस कार्य-योजना को पूरा करने के लिए 3 समिति बनायी गयी है।
प्रथम समिति
चिकित्सा पाठ्यक्रम में हिन्दी के उपयोग एवं हिन्दी में पूरक संदर्भ पुस्तकों को तैयार करने की कार्य-योजना तैयार करने के लिये समिति गठित की गई है। कार्य-योजना को मूर्तरूप देने के लिये अटल बिहारी हिन्दी विश्वविद्यालय का मार्गदर्शन प्राप्त किया जायेगा।
द्वितीय उप समिति
एमबीबीएस प्रथम वर्ष के विषय एनाटॉमी, फिजियोलॉजी एवं बायो-केमेस्ट्री की हिन्दी में पूरक संदर्भ पुस्तकें तैयार करने के लिये उप समिति गठित की गई।
तृतीय उप समिति
द्वितीय उप समिति द्वारा हिन्दी में तैयार किए गए विषय को पुनः सूक्ष्म रूप से परिष्कृत करने के लिये एक सत्यापन उप समिति भी गठित की गई है।