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एमपी: चुनाव पर संकट के बादल, ओबीसी आरक्षण पर सरकार का आखिरी दांव, सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका मंजूर
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MP Panchayat Chunav 2022: ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) को लेकर सरकार ने अपना आखिरी दांव खेल दिया है। सरकार ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने के लिए 12 मई की देर रात सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका दाखिल की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। सरकार ने इस संशोधन याचिका में जहां इतने कम समय में चुनाव की तैयारी न हो पाने दावा पेश कर रही है वही ट्रिपल टेस्ट की निकायवार तैयार रिपोर्ट पेश की है। इस याचिका के सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार हो जाने के बाद एक फिर एमपी में पंचायत (MP Panchayat Chunav) एवं नगरीय निकाय (Nagri Nikaay Chunav) के चुनावों को लेकर संशय व्याप्त हो गया है। हांलाकि मध्यप्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद मध्यप्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी तेज कर दी है।
17 मई को होगी सुनवाई
सरकार के द्वारा कोर्ट में लगाई गई संशोधन याचिका की सुनवाई करने के लिए कोर्ट ने 17 मई की डेट निश्चित की है, जिसके चलते कोर्ट के अगले आदेश को लेकर अब सभी की निगाहे मंगलवार पर टिक गई है, कि एमपी में चुनावों को लेकर कोर्ट का अगला आदेश क्या होगा।
गौरतलब है, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बगैर ओबीसी आरक्षण के ही स्थानीय चुनाव कराने के आदेश दिए थे। उधर, राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है, लेकिन अब सरकार की याचिका मंजूर होने से फिर से संकट के बादल मंडराते दिख रहे हैं। सरकार किसी भी हाल में बगैर आरक्षण चुनाव नहीं कराना चाहती इसलिए उसने आखिरी दांव खेला है।
सरकार पेश कर रही नई रिर्पोट
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने ट्रिपल टेस्ट के आधार पर पिछड़ा वर्ग आयोग ने ओबीसी को 35 प्रतिशत आरक्षण देने की सिफारिश की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कटाक्ष करते हुए कहा था- स्थानीय चुनाव में ओबीसी वर्ग आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट निकायवार नहीं किया है। इस रिपोर्ट का अर्थ नहीं। बिना ओबीसी आरक्षण ही चुनाव कराएं। अब सरकार संशोधन याचिका के माध्यम से ओबीसी वर्ग की निकायवार संख्या की नई रिपोर्ट शीर्ष अदालत में पेश कर रही है।
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