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MP : मुख्यमंत्री ने कहा, कोरोना की लड़ाई में बजट की कमी आड़े न आने दी जाय
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोरोना से लड़ाई के लिए बजट की कमी न आने दी जाए। वित्त विभाग ने भी स्पष्ट कर दिया है कि इसके लिए यदि जरूरत पड़ी तो कुछ विभागों के बजट में कटौती भी की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने बताया है कि कोरोना की जांच के लिए स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग को सौ करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसके अलावा लगभग 500 करोड़ रुपये कोरोना की रोकथाम के लिए प्रचार.प्रसार, उपचार, संविदा अमले के वेतन.भत्ते और पथ विक्रेताओं के खातों में जमा करने के लिए अतिरिक्त तौर पर दिए गए हैं।
संविदा स्टाफ के लिये दिये गये 20 करोड़
संविदा आधार पर जो स्टाफ रखा गया है, उसके वेतन भत्ते के लिए बीस करोड़ रुपये रखे गए हैं। वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समीक्षा के दौरान स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जो राशि मांगी जाए, वो परीक्षण के बाद तत्काल उपलब्ध कराई जाए। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए बजट की कमी आड़े नहीं आनी चाहिए। यही वजह है कि स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के प्रस्ताव को हाथों.हाथ स्वीकृति दी गई।
आक्सीजन के लिए 28.50 करोड़
होम आइसोलेशन में इंतजाम न होने की वजह से कोविड केयर सेंटर में रहकर इलाज कराने वाले संक्रमितों के भोजन, चाय और नाश्ते के लिए 22 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ऑक्सीजन खरीद के लिए 28.50 करोड़ रुपये दोनों विभागों को आवंटित किए गए हैं। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग ने आगामी तीन माह के लिए राशि मांगी थी, जो मंजूर कर दी गई है। वहीं, नगरीय विकास एवं आवास विभाग को पथ विक्रेताओं के खातों में एक.एक हजार रुपये खातों में देने के लिए सौ करोड़ रुपये से अधिक मंजूर किए गए हैं।
उधर केंद्र सरकार ने भी परिस्थितियों को देखते हुए जीएसटी सहित अन्य मदों में एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि राज्य सरकार को उपलब्ध कराई है। वहीं स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग को नियमित बजट के अलावा अतिरिक्त राशि भी उपलब्ध कराई गई है। इसमें स्वास्थ्य विभाग को वर्ष 2020.21 के लगभग दो सौ करोड़ रुपये का उपयोग करने की अनुमति वित्त विभाग ने दी है।