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MP By-Election Results 2021: 3 सीटों में भाजपा जीती, विंध्य के रैगांव में 31 साल बाद कांग्रेस का वनवास ख़त्म
MP By Election Results 2021 Live
MP By-Election Results 2021: मध्यप्रदेश की 3 विधानसभा सीट जोबट, पृथ्वीपुर, रैगांव और एक लोकसभा सीट खंडवा में उप-चुनाव की मतगणना जारी है. सभी में शुरूआती तौर पर एक लोकसभा सीट एवं 2 विधानसभा सीट में भाजपा को जीत मिली है. वहीं एक विधानसभा सीट में कांग्रेस ने भाजपा को जबरदस्त शिकस्त दी है.
मध्यप्रदेश के 4 सीटों में उपचुनाव के लिए 30 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी. जिसमें तीन विधानसभा सीट जोबट, पृथ्वीपुर, रैगांव और एक लोकसभा सीट खंडवा की मतगणना आज यानी 2 नवंबर, मंगलवार को हो रही है. सभी सीटों के लिए सुबह 8 बजे से काउंटिंग जारी है.
खंडवा लोकसभा सीट में बीजेपी ने एक बार फिर बाजी मार ली है. विधानसभा की तीन सीटों में से जोबट कांग्रेस के हाथ से निकल गयी है. जोबट से सुलोचना रावत ने कांग्रेस के महेश पटेल को 6104 मतों के अंतर से हरा दिया है.
इसके अलावा भाजपा पृथ्वीपुर सीट को बचाने में कामयाब हुई है. टीकमगढ़ जिले की पृथ्वीपुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक प्रत्याशी शिशुपाल यादव ने कांग्रेस के उम्मीदवार नितेन्द्र सिंह राठौर को हरा दिया है. नितेंद्र पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर के बेटे हैं.
31 साल बाद कांग्रेस का वनवास ख़त्म
इधर, विंध्य के सतना जिले के रैगांव विधानसभा सीट से बीजेपी ने प्रतिमा बागरी को उम्मीदवार बनाया है. जिन्हे कांग्रेस प्रत्याशी कल्पना वर्मा ने शिकस्त दी है. रैगांव विधानसभा भाजपा की परंपरागत सीट रही है. यहां कई वर्षों से भाजपा के जुगुलकिशोर बागरी विधायक रहें हैं. जबकि विस चुनाव 1985 में आखिरी बार कांग्रेस को जीत मिली थी. इस विधानसभा सीट में 31 साल बाद कांग्रेस का वनवास ख़त्म हुआ है. इसके पहले 2013 में बसपा प्रत्याशी ऊषा चौधरी ने जुगुलकिशोर बागरी के बेटे पुष्पराज बागरी को हराया था. इस सीट में कई वर्षों से भाजपा और बसपा के बीच टक्कर रही है. जुगुलकिशोर के निधन के बाद यह सीट खाली हो गई थी. अब कांग्रेस की कल्पना वर्मा ने यहां जीत दर्ज की है.
रैगांव में भाजपा की हार का कारण
रैगांव विधानसभा में भाजपा ने अपनी परंपरागत और दबदबे वाली सीट गवाई है. इसका सीधा कारण भाजपा का इस सीट में मिस मैनेजमेंट रहा है. हांलाकि इस सीट में प्रचार प्रसार में राजनेताओं ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी लेकिन यहां का मैनेजमेंट सांसद गणेश सिंह के हांथो में था. गणेश सिंह की सवर्णों से खुन्नस है. इसके अलावा विंध्य के सवर्णों में अच्छी पकड़ रखने वाले पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल जैसे कद्दावर नेताओं को संगठन ने सिर्फ एक मंडल तक सीमित रखा था. वहीं जुगुलकिशोर बागरी के परिवार के किसी भी सदस्य को टिकट न देना भी बड़ी वजह है. दरअसल में यहां टिकट को लेकर सांसद गणेश सिंह की चली थी और गणेश सिंह अपने कैंडिडेट को टिकट दिलाने में तो सफल रहें, लेकिन उन्हें जीत दिला पाने में सांसद विफल हो गए.