मध्यप्रदेश

MP Bhopal News: अखिल भारतीय स्तर पर एमपी के 4 साहित्यकारों को मिला कृति पुरस्कार

Sanjay Patel
28 Nov 2022 4:49 PM IST
MP Bhopal News: अखिल भारतीय स्तर पर एमपी के 4 साहित्यकारों को मिला कृति पुरस्कार
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विभाग द्वारा वर्ष 2019 के कृति पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। अखिल भारतीय में इंदौर से 2 जबकि भोपाल व जबलपुर को एक-एक अवार्ड मिले हैं।

MP Bhopal News: विभाग द्वारा वर्ष 2019 के कृति पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद मप्र शासन संस्कृति विभाग भोपाल द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर 13 एवं प्रादेशिक स्तर पर 15 पुरस्कार घोषित किए गए हैं। अखिल भारतीय में इंदौर से 2 जबकि भोपाल व जबलपुर को एक-एक अवार्ड मिले हैं। जबकि प्रादेशिक स्तर पर इंदौर और भोपाल के रचनाकारों को एक-एक अवार्ड से नवाजा गया है। अखिल भारतीय कृति पुरस्कार में साहित्यकारों को 1 लाख रुपए और प्रादेशिक पुरस्कार में 51 हजार रुपए के साथ शॉल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र के साथ रचनाकार को अलंकृत किया जाएगा।

अखिल भारतीय पुरस्कार इन्हें मिला

अखिल भारतीय स्तर पर कृति पुरस्कार कुल 13 साहित्यकारों को मिला है। नागपुर के डॉ. मनोज पाण्डेय की कृति आलोचना के नए परिप्रेक्ष्य, दिल्ली के सच्चिदानंद जोशी की कृति पल भर की पहचान, अमरकंटक के प्रो. मनीषा शर्मा की कृति ये इश्क, उत्तराखण्ड की डॉ. कविता भट्ट की कृति भारतीय साहित्य में जीवन मूल्य, सहारनपुर के डॉ. आरपी सारस्वत की कृति तुम बिन, हरियाणा की डॉ. इन्दु राव की कृति छांह संस्कृति की, दिल्ली के राजेश जैन की ईश्वर की आत्मकथा, मोहाली के डॉ. कुलदीप अग्निहोत्री की श्री गुरु नानक देवजी, इंदौर के प्रो. सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी की बदलती हवाएं, जबलपुर के प्रशांत पोल की वे पंद्रह दिन, कटनी की डॉ. सुधा गुप्ता चलें भ्रमण की ओर, भोपाल के संतोष रंजन की थेल्मा मेरी कोरिली और इंदौर के अजय जैन की कृति को दिया गया है।

प्रादेशिक स्तर पर इनका नाम शामिल

कृति पुरस्कार 2019 के लिए प्रादेशिक स्तर पर कुल 15 रचनाकारों के नाम शामिल किए गए हैं। जिसमें इंदौर के डॉ. अश्विनी कुमार दुबे की कृति किसी शहर में, इंदौर की डॉ. गरिमा संजय दुबे की दो ध्रुवों के बीच की आस, नरसिंहपुर के गुरु सक्सेना की सीता वनवास, इंदौर की बूला कार की साहित्य मीमांसा, भोपाल के अशोक मनवानी की वतन आजाद देखूं, ग्वालियर के राजेश अवस्थी की अतीत के शब्दविम्ब, अशोकनगर के डॉ. अन्नपूर्णा सिसोदिया की औरत बुद्ध नहीं होती, टीकमगढ़ के आचार्य दुर्गाचरण शुक्ल की मदन रस बरसें, दमोह की डॉ. प्रेमलता नीलम की गले का हार, धार के संदीप शर्मा की प्रयाग प्रवाह और जयतु सिंहस्थ, भोपाल के डॉ. गिरिजेश सक्सेना की कृति, भोपाल के डॉ. सुधीर आजाद की मैं खुदीराम त्रैलोक्यनाथ बोस, उज्जैन की मीरा जैन की हेल्य हादसा, भोपाल के राजेन्द्र शर्मा की सम्बोधन और शहडोल की डॉ. प्रियंका त्रिपाठी की कृति गुनगुनी सी धूप को दिया गया है।

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