मध्यप्रदेश

एमपी विधानसभा चुनाव 2023: 65 पार BJP विधायक-मंत्रियों की टिकट कटेगी, विधानसभा अध्यक्ष समेत 9 मंत्री और 33 बड़े नेता टारगेट पर

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत
20 April 2023 10:45 PM IST
Updated: 2023-04-20 17:12:34
एमपी विधानसभा चुनाव 2023: 65 पार BJP विधायक-मंत्रियों की टिकट कटेगी, विधानसभा अध्यक्ष समेत 9 मंत्री और 33 बड़े नेता टारगेट पर
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एमपी विधानसभा चुनाव 2023: एमपी में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कुछ मौजूदा भाजपा विधायकों-मंत्रियों की टिकट कट सकती है. इसकी मुख्य वजह है उनका उम्रदराज होना.

एमपी विधानसभा चुनाव 2023: मध्यप्रदेश में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके पहले 65 की उम्र पार कर चुके भाजपा के मौजूदा मंत्री, विधायकों के टिकट खतरे में पड़ते नजर आ रहें हैं। केंद्र से मिले संकेतों के बाद मध्यप्रदेश भाजपा के उम्रदराज नेताओं की कुंडली तैयार की जा रही है। जिसमें यह बताया जाएगा कि आने वाले 2023 के चुनाव में ऐसे नेताओं का संबंधित सीट या आसपास की सीटों पर कितना प्रभाव होगा।

सूत्र बताते हैं कि केन्द्रीय संगठन के नेतृत्व में एमपी भाजपा के उम्रदराज नेताओं, मौजूदा मंत्रियों और विधायकों की सूची तैयार की जा रही है। सूची तीन तरह कि बन रही है, जिनमें 60 पार, 65 पार और 70 पार नेताओं के नाम और क्षेत्र में उनका प्रभाव दर्ज किए जा रहें हैं।

इस सूची में ज्यादा ध्यान 65 एवं 70 पार शिवराज सरकार के मंत्रियों और विधायकों पर दिया जा रहा है। एमपी विधानसभा अध्यक्ष, मौजूदा सरकार के 9 मंत्री और 33 बड़े भाजपा नेता इस दायरे में आ रहें हैं।

सूची के आधार पर क्राइटेरिया तय होगा

बताया जा रहा है कि इसी सूची के आधार पर चुनाव के लिए क्राइटेरिया तय किया जाएगा। टिकट कटेगी या मिलेगी, यह भी संगठन ही तय करेगा, लेकिन उम्र के साथ संबंधित नेता के क्षेत्र में प्रभाव को भी देखा जाएगा।

बताया जा रहा है कि प्रदेश स्तर पर यह सूची अप्रैल माह में ही तैयार कर ली जाएगी। बताते चलें कि 2018 विधानसभा चुनाव के पहले क्राइटेरिया पर चर्चा तो हुई थी, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका था। लेकिन पहली बार इस तरह कि सूची टिकट के लिए फॉर्मूला तय करेगी।

भाजपा ने 2018 में 53 विधायकों के टिकट काटे थे

विधानसभा चुनाव 2018 से पहले 165 विधायकों में से 53 के टिकट भाजपा ने काट दिए तेन। इनमें से मंत्री माया सिंह, गौरीशंकर शेजवार, कुसुम महड़ेले, सूर्यप्रकाश मीना और हर्ष सिंह शामिल रहें। जातिगत बात करें तो अनुसूचित जाती के 13, अनुसूचित जनजाति के 13 और सामान्य-ओबीसी के 27 विधायकों का पत्ता साफ हुआ था। इनमें से अधिकांश मंत्री विधायक अपने क्षेत्र में काफी प्रभावशाली रहें हैं। इनकी जगह 45 नए चेहरों पर भाजपा ने दांव खेला था, जिनमें 25 महिलाएं शामिल थी।

इस बार सदन में भाजपा विधायकों कि संख्या 127 है। कर्नाटक में भी विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें भाजपा ने करीब 50 फीसदी मौजूदा विधायको के टिकट कटे है। इसी तरह गुजरात में भी काफी परिवर्तन हुआ था। अब माना जा रहा है कि यही फॉर्मूला मध्यप्रदेश में भी लागू किया जाएगा।

परिवारवाद से भी दूरी

उम्रदराज नेताओं के साथ एक और समस्या है, भाजपा के फॉर्मूला में सिर्फ उम्र का ही बंधन नहीं है। इसमें मंत्री-विधायकों के बेटे-बहू, भाई और परिवार को भी टिकट से दूर रखा जाएगा। यानि उम्रदराज नेता खुद की जगह अपने परिवारवालों को भी टिकट नहीं दिला पाएंगे। अगर ऐसा हुआ तो फिर इनकी जगह नए चेहरे विधानसभा चुनाव की उम्मीदवारी करते हुए दिखाई देंगे।

विधानसभा अध्यक्ष और 9 मौजूदा मंत्री उम्रदराज हुए

माधप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम 70 साल के हो चुके हैं। उनके अलावा 9 मौजूदा मंत्री हैं जिनकी उम्र 65 पार हो चुकी हैं, जिनमें तुलसी सिलावट, प्रेम सिंह पटेल, रामखेलावन पटेल, गोपाल भार्गव, यशोधरा राजे, जगदीश देवड़ा, ओमप्रकाश सकलेचा, प्रभुराम चौधरी और बिसाहूलाल सिंह शामिल हैं।

ये मौजूदा विधायक भी उम्रदराज

नाम - उम्र

  • गौरीशंकर बिसेन- 70
  • सीताराम- 73
  • सीतासरन शर्मा- 72
  • करण सिंह वर्मा- 67
  • केदारनाथ शुक्ला- 69
  • रामलल्लू वैश्य- 73
  • अजय विश्नोई- 70
  • नागेंद्र सिंह- 71
  • नागेंद्र सिंह, गुढ़- 77
  • नीना वर्मा- 66
  • पारस जैन- 73
  • रुस्तम सिंह- 78
  • जयभान सिंह पवैया- 68
  • नारायण सिंह कुशवाहा- 67
  • अनूप मिश्रा- 67
  • जयंत मलैया- 76
  • पंचुलाल प्रजापति- 67
  • अंचल सोनकर- 70
  • शरद जैन- 70
  • हरेंद्रजीत सिंह बब्बू- 70
  • पंडित रमेश दुबे- 67
  • नानाभाऊ मोहोड़- 69
  • मोधा सिंह डाबर- 71
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