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एमपी अजब है: भैसियां ने दूध देना बंद किया तो शख्स ने थाने में शिकायत कर डाली, पुलिस ने कार्रवाई भी कर दी
एमपी अजब है और यहाँ के लोग तो कतई गजब हैं, मतलब एक भैसियां ने दूध देना बंद कर दिया तो मालिक पुलिस से शिकायत करने चला गया। बाकायदा आवेदन दिया और उसमे लिखा साहब ! हमारी भैसियां हमेशा 5 लीटर दूध देती थी अब दुहने ही नहीं देती है, कुछ करो साहेब.. अब आप ही बताइये पुलिस इस मामले में क्या करे इस अपराध के लिए भैंस को सलाखों के पीछे डाल दे या भैंस के आगे बीन बजाए।
मामला मध्यप्रदेश के चंबल के भिंड जिले का है जहाँ एक पशुपालक से उसकी प्यारी भैंस नाराज हो गई है। वो अब अपने मालिक से दूध नहीं दुधवाना चाहती जबकि कुछ दिन पहले तक वो बढ़िया ख़ुशी-ख़ुशी रोज़ 5 लीटर दूध देती थी। मालिक से नाराज भैंस किसी की सुनती ही नहीं जबकि उसको बराबर चारा-पानी मिल रहा है। भैंसियाँ का मालिक इस बात से बहुत दुखी हो गया और घर का मामला मतलब की तबेला का मामला थाने तक पहुंच गया।
पुलिस ने कार्रवाई भी कर दी
जब किसान अपनी भैंस की शिकायत लेकर थाने पंहुचा और अपनी व्यथा बताई तो पुलिस वाले हंस-हंस के हसंते ही गए। लेकिन मामला इतना गंभीर था की पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। भैंस के मालिक का दुःख समझते हुए पुलिस ने एक वेटरनरी डॉक्टर से संपर्क किया और बाद में दूध निकलवाने में मदद की।
किसान बहुत हेवी ड्राइवर निकला
ये मामला भिंड के नयागांव का है जहाँ किसान बाबूराम अपनी ही भैंस की शिकायत लेकर ठाणे पहुंच गया था। इसके बाद पुलिस ने बाबूराम से भैंस के बारे में पूंछा और डॉक्टर से बात करने के बाद बाबूराम टिप्स एंड ट्रिक्स बताई। इसके बाद बाबूराम की भैसं ने दूध देना शुरू कर दिया।
बाबूराम को पुलिस ने अच्छे से समझा दिया
थाना प्रभारी ने बाबूराम से कहा आइंदा से अगर भैंस को लेकर कोई तकलीफ होती है तो बेटा पुलिस के पास नहीं पशु चिकित्सालय जाना। दरअसल इस इलाके के रहने वाले लोग बहुत बबुआ टाइप के आदमी हैं कहने का मतलब है भोले-भाले सीधे-साधे लोग हैं जो किसी भी छोटी-मोटी परेशानी में पुलिस के पास शिकायत लिखवाने चले जाते हैं।