मध्यप्रदेश

MP : AIR QUALITY INDEX का दावा, सिंगरौली में नेचुरल आक्सीजन की कमी, रतलाम और ग्वालियर में भी

MP : AIR QUALITY INDEX का दावा, सिंगरौली में नेचुरल आक्सीजन की कमी, रतलाम और ग्वालियर में भी
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भोपाल / Bhopal : एक ओर देश में कोरोना का संकट है। वहीं मध्य प्रदेश में भी कोरोना रोगियों की संख्या में हर दिन इजाफा हो रहा है। इस कोरोना काल के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स (MP Air Quality Index) एक्यूआई ने एक दावा कर प्रदेश के सिंगरौली सहित ग्वालियर तथ रतलाम में खतरे की घंटी बजा दी है। एक्यूआई का कहना है कि मध्य प्रदेश के इन तीन शहरों में प्रदूषण की वजह से नेचुरल आक्सीजन की कमी है। ऐसे मे श्वांस या फिर कोरोना से संबंधित लक्षण मिलने पर कोरोना होने के ज्यादा चांस हैं। लोगों से कोरेाना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के लिए कहा जा रहा है।

भोपाल / Bhopal : एक ओर देश में कोरोना का संकट है। वहीं मध्य प्रदेश में भी कोरोना रोगियों की संख्या में हर दिन इजाफा हो रहा है। इस कोरोना काल के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स (MP Air Quality Index) एक्यूआई ने एक दावा कर प्रदेश के सिंगरौली सहित ग्वालियर तथ रतलाम में खतरे की घंटी बजा दी है। एक्यूआई का कहना है कि मध्य प्रदेश के इन तीन शहरों में प्रदूषण की वजह से नेचुरल आक्सीजन की कमी है। ऐसे मे श्वांस या फिर कोरोना से संबंधित लक्षण मिलने पर कोरोना होने के ज्यादा चांस हैं। लोगों से कोरेाना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के लिए कहा जा रहा है।

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सिंगरौली सबसे ज्यादा प्रदूषित

जानकारी के अनुसार 2 मई को 2021 को सुबह के समय एयर क्वालिटी इंडेक्स के तराजू पर सिंगरौली को सबसे ज्यादा प्रदूषित बताया गया है। सिंगरौली में एक्यूआई 162 पर आंका गया है। वहीं रतलाम में 155 तथा ग्वालियर 152 पर एक्यूआई है। इस आकडे ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी

एक्यूआई द्वारा जारी किया गया आंकड़ा स्वास्थ्य के लिहाज से खतरे की घंटी मानी जा रही हैं। इस पर स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि सिंगरौली के लोगों को कोरेाना काल को ध्यान रखते हुए कोरोना गाइड लाइन का कडाई से पालन करना चाहिए। साथ ही चेताया गया है कि जिस व्यक्ति की इम्यूनिटी कम है वह विशेष सावधानी रखे।

दिनांक 2 मई 2021 की सुबह 8:00 बजे तक। AQI सिंगरौली का 162, रतलाम 155 और ग्वालियर 152 पर था। यानी इन तीनों शहरों की हवा इतनी अधिक प्रदूषित थी कि वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो गई थी। यानी किसी स्वस्थ व्यक्ति को जिसकी इम्यूनिटी थोड़ी सी कम हो, बीमार बना सकता है। इसके अलावा देवास 131 और सागर 109 की हवा में प्रदूषण की मात्रा सामान्य से अधिक थी। यह प्रदूषण किसी स्वस्थ व्यक्ति के लिए हानिकारक तो नहीं था परंतु दमा के मरीज अथवा ऐसे मरीज जिनके शरीर में ऑक्सीजन की कमी है, उनके लिए प्रदूषण का यह स्तर घातक हो सकता है।

कोरोना संक्रमण की ज्यादा सम्भावना

जानकारों की माने तो पता चलता है कि जब वातावरण में आक्सीजन की मात्रा कम होती है तो वहा कोरोना संक्रमण की ज्यादा सम्भावना होती है। ऐस में कोरोना के साधार लक्ष्ण कब गंभीर हालात पैदा हो जाये यह कहा नहीं जा सकता। संक्रमित व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को ज्यादा संक्रमत कर सकता है। इसके लिए कोरेाना गाइडलाइन का पालन करना अति आवश्यक हो जाता है।

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