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सरकारी अस्पतालों की तबियत सुधारने एमपी में 21 जुलाई से मिशन 'सेहत' की होगी शुरूआत, खर्च किये जायेंगे 140 करोड़
MP Mission Sehat News: अस्पताल में जाकर वहां की हालत देखने के बाद अक्सर लोग नाक चढ़ाते हुए नजर आ जाते हैं। अगर प्राइवेट अस्पताल में गंदगी दिखे तो लोगों द्वारा सरकारी अस्पताल का उदाहरण दिया जाता है। आम तौर पर बड़े ही दया भाव से कह दिया जाता है कि यह तो सरकारी है। सरकारी मतलब बदइंतजामी का होना। भ्रष्टाचार होना। काम देर से होना, समय पर सुनवाई न होना आदि। लेकिन अब ऐसा नहीं रहेगा 21 जुलाई को सीएम शिवराज सिंह 'मिशन' सेहत की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस मिशन के तहत सरकारी अस्पतालों की दशा बदलने के लिए भरपूर प्रयास किया जाएगा।
चलेगा प्रदेश व्यापी अभियान
सरकार की योजना है कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की सेहत सुधारी जाए। इसके लिए प्रदेश व्यापी अभियान चलाया जाएगा। अस्पताल के चाहे अंदर की बात करें या कि फिर बाहर की हर जगह की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त की जाएगी। भवनों की व्यवस्था के साथ फटे पुराने गद्दों की जगह पर नए गद्दे तकिए और चद्दर दिखाई देने लगेंगे। तो वही मशीनरी उपकरणों पर भी ध्यान दिया जाएगा। अनुमान लगाया जा रहा है दिवाली तक प्रदेश के सभी सरकारी अस्पताल दुरुस्त देखें।
लगाई जाएंगी मशीनें
सरकार की योजना है कि प्रदेश के सभी जिला अस्पताल सिविल अस्पताल और सीएचसी पर जांच की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए सिटी स्कैन, एक्सरे मशीन और सोनोग्राफी मशीन खरीद कर लगवाए जाएंगे।
हाइड्रोलिक बेड की होगी व्यवस्था
मिशन सेहत के तहत जिला अस्पतालों को 10 सिविल अस्पताल को तीन और सीएससी को दो हाइड्रोलिक बेड दिए जाएंगे। साथ ही बेड के लिए नए गद्दे, चद्दर, तकिया दी जाएगी। एक बेड पर 7 बेड शीट खरीदा जाएगा।
खर्च होंगे 140 करोड़
स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों की सेहत सुधारने पर 140 करोड़ों रुपए खर्च करने वाला है। जिसके लिए पता चल रहा है कि प्रदेश में कुल 52 जिला अस्पताल, 119 सिविल अस्पताल, 356 सीएचसी, 1266 पीएचसी तथा 10287 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं। इन अस्पतालों पर जरूरत के हिसाब से करीब 140 करोड रुपए खर्च करने की योजना है।
अन्य व्यवस्थाएं भी होंगी दुरुस्त
हर जिला अस्पताल की डायलिसिस यूनिट में नो वेटिंग पीरियड को लागू किए जाने के उद्देश्य से 5-5 डायलिसिस मशीने लगाई जाएगी।
मरीजों को घंटो लाइन में न खड़ा रहना पड़े इसके लिए आधुनिक तकनीक से क्यू मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जाएगा।
हर बाह्य रोगी विभाग ओपीडी में बीएमआई मापने के लिए मशीन लगाई जाएगी।
अस्पतालों में खून की कमी न हो इसके लिए हाई क्वालिटी ब्लड कंपोनेंट सेप्रेटर मशीन लगाई जाएगी।