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एमपी के चार युनिवर्सिटी में खुलेंगे मेडिकल कॉलेज, पीपीपी मॉडल से जुटाया जाएगा फंड
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय बीयू, विक्रम विवि उज्जैन, डीएवीवी इंदौर और जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाएंगे। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सैद्धांतिक सहमति भी दे दी गई है। उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव ने बताया कि मेडिकल कॉलेज का संचालन पीपीपी मोड पर किया जाएगा। जिससे फंड की समस्या सामने न आए। इस संबंध में विक्रम विवि की आरे से प्रस्ताव तैयार किया गया है। गुजरात के कंसल्टेंट 12 मई को इसका प्रेजेंटेशन दिखाएंगे। सब कुछ ठीक रहा तो उक्त प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा को और वहां से कॉलेजों के लिए सीट आवंटन की आगामी प्रक्रिया के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन भेजा जाएगा।
2014 में भी बना था प्रस्ताव
आठ साल पूर्व 2014 में भी बीयू में ही मेडिकल कॉलेज शुरू करने की कवायद की गई थी। तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता की अगुवाई में इसका प्रस्ताव बना था। करीब 700 रूपए खर्च वाले प्रोजेक्ट पर साल भर से भी ज्यादा कवायद हुई थी। लेकिन बजट के अभाव में यह प्रोजेक्ट कागजों से कभी बाहर ही नहीं आ पाया।
25 वर्षों की योजना पर काम
मंत्री यादव ने बताया कि प्रदेश की युनिवर्सिटी को एकेडमिक एक्सीलेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और आत्मनिर्भर बनाने के लिए 25 वर्षो की योजना बनाकर काम किया जाएगा। हर बार 5 साल के लिए चरणबद्ध कार्यक्रम बनाए जाएंगे। युनिवर्सिटी एग्रीकल्चर, मेडिकल पैरामेडिकल कोर्स भी शुरू करेंगे। जो कि पीपीपी मॉडल पर चलेंगे।
बीयू ने नहीं भेजा प्रस्ताव
मंत्री यादव ने कहा कि विभाग ने उन विश्वविद्यालय से प्रस्ताव मंगाए हैं जो कि मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करना चाहते हैं। चार महीने पहले हुई बैठक में इस संबंध में चर्चा हुई थी। इसके बाद विक्रम विवि द्वारा प्रस्ताव तैयार कर दिया गया है। इंदौर को 25 एकड़ जमीन के जमीन के आवंटन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जीवाजी विवि के लिए भी जमीन आवंटन हो गया है। लेकिन बीयू ने अभी तक न तो जमीन आवंटित कराने की प्रक्रिया शुरू की है और न ही प्रस्ताव तैयार हुआ है।