मध्यप्रदेश

Satna Medical College: सतना में बन कर तैयार हुआ मेडिकल कॉलेज, गृहमंत्री अमित शाह करेंगे लोकार्पण, रीवा मेडिकल कॉलेज को भी होगा लाभ

Satna Medical College News
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Satna Medical College News: विंध्य वासियों के लिए खुशखबरी है। बता दें की भारत सरकार के गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) का 24 फरवरी को सतना का दौरा प्रस्तावित है।

Satna Medical College News: विंध्य वासियों के लिए खुशखबरी है। बता दें की भारत सरकार के गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) का 24 फरवरी को सतना का दौरा प्रस्तावित है। गृहमंत्री सतना के प्रवास के दौरान मेडीकल कॉलेज सतना (Satna Medical College) का लोकार्पण करेंगे। गृहमंत्री शाह के दौरे के मद्देनजर शुक्रवार को कलेक्टर अनुराग वर्मा और पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने कार्यक्रम की तैयारियों के संबंध में विभिन्न व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।

कलेक्टर और एसपी ने कार्यक्रम स्थल का अवलोकन करते हुये सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के संबंध में पुलिस अधिकारियों से चर्चा की। इस अवसर पर एसडीएम सिटी नीरज खरे, डीएसपी ख्याति मिश्रा, आरआई सत्यप्रकाश मिश्रा सहित प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे।

इस सत्र से शुरू हो सकते हैं एडमिशन

Satna Medical College Admission 2023-24 News: मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार सतना मेडिकल कॉलेज (Satna Medical College) में इसी साल (2023-24 का सत्र) से शुरू होने की उम्मीद है। बता दें की कॉलेज का भवन बनकर तैयार हो गया है। एमबीबीएस की 150 सीटों पर प्रवेश के लिए चिकित्सा शिक्षा संचालनालय (Directorate of Medical Education) ने राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (National Medical Commission) को आवेदन कर दिया है। अधिकारीयों से मिली जानकारी के अनुसार मार्च-अप्रैल में एनएमसी की टीम निरीक्षण के लिए आएगी। सब कुछ मापदंड के अनुसार मिला तो मान्यता मिल जाएगी।

रीवा मेडिकल कॉलेज दबाव होगा कम

मध्य प्रदेश में इस वक्त 13 मेडिकल कालेजों में MBBS की 2180 सीटें हैं। सतना में कॉलेज से शुरू होने से सबसे ज्यादा लाभ यह होगा कि रीवा के एसएस मेडिकल कालेज से संबद्ध अस्पताल में मरीजों का दबाव कम हो जाएगा।

बता दें की अभी छतरपुर, पन्ना, सतना, सीधी, सिंगरौली तक के मरीज यहां आते हैं। मरीजों की संख्या के लिहाज से संसाधन नहीं होने से दिक्कत होती है। सतना में कालेज शुरू होने से वहां के अलावा पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ और चित्रकूट के मरीजों को सुविधा हो जाएगी।

कॉलेज शुरू करने के लिए ज्यादातर तैयारी हो चुकी है। मौजूदा जिला अस्पताल को ही कालेज का अस्पताल बनाया जाएगा। अब सबसे बड़ी चुनौती चिकित्सा शिक्षकों की भर्ती को लेकर है। इनमें भी खासतौर पर प्राध्यापक के पद भरने में मुश्किल आएगी।

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