मध्यप्रदेश

MP में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के नियमों में बड़े बदलाव: अब पेपरलेस होगी प्रक्रिया, आधार-पैन दर्ज करते ही संपत्ति आपकी; e-Sign और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की भी सुविधा

MP में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के नियमों में बड़े बदलाव: अब पेपरलेस होगी प्रक्रिया, आधार-पैन दर्ज करते ही संपत्ति आपकी; e-Sign और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की भी सुविधा
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मध्य प्रदेश में संपत्ति की रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव हुआ है। अब आधार और पैन नंबर के जरिए ही संपत्ति रजिस्ट्री होगी। खसरा या नक्शा जैसे दस्तावेजों की जरूरत नहीं होगी। जानें नए नियमों के फायदे और प्रक्रिया...

भोपाल: अब मध्य प्रदेश में संपत्ति की रजिस्ट्री कराते समय दस्तावेजों की झंझट खत्म हो गई है। राज्य सरकार ने रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाते हुए 'सम्पदा 2.0' प्रणाली को लागू किया है, जिसके तहत अब केवल आधार और पैन नंबर के जरिए संपत्ति की रजिस्ट्री होगी। खसरा नंबर या प्रॉपर्टी का यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर (ULPIN) देना अनिवार्य होगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी और सत्यापन भी डिजिटल तरीके से होगा।

संपदा 2.0 की प्रमुख विशेषताएं

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 9 अक्टूबर को संपदा 2.0 का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। इस नई प्रणाली के माध्यम से रजिस्ट्री कराना काफी आसान हो जाएगा। जो व्यक्ति विदेश में रहते हुए भी प्रदेश में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री कराना चाहते हैं, वे भी इसका लाभ उठा सकते हैं। इस नई प्रणाली का पायलट प्रोजेक्ट गुना, रतलाम, डिंडोरी और हरदा जिलों में पहले से ही सफलतापूर्वक लागू किया गया है। 9 अक्टूबर से इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।

कैसे होगी ऑनलाइन रजिस्ट्री?

अब खरीदार और विक्रेता को केवल अपना आधार और पैन नंबर देना होगा। इसके बाद सब-रजिस्ट्रार संपदा 2.0 के माध्यम से ULPIN नंबर और अन्य जरूरी जानकारी ऑनलाइन सत्यापित करेगा। इससे न केवल प्रक्रिया तेजी से पूरी होगी, बल्कि फर्जीवाड़े की संभावनाएं भी खत्म हो जाएंगी। इसके साथ ही, ई-साइन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रजिस्ट्री कराने की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जिससे विदेश में रहने वाले लोग भी बिना किसी परेशानी के प्रॉपर्टी रजिस्ट्री करा सकेंगे।

यूएलपीआईएन और डिजिटल रिकॉर्ड की प्रक्रिया

रजिस्ट्री प्रक्रिया के तहत जमीन का खसरा या नक्शा अब जरूरी नहीं होगा। राजस्व विभाग ने मप्र के लैंड रिकॉर्ड को यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन (ULPIN) स्कीम के तहत डिजिटलीकृत किया है। सब-रजिस्ट्रार आधार और पैन नंबर के साथ ULPIN के जरिए ऑनलाइन जानकारी हासिल करेंगे। यदि रिकॉर्ड मैच नहीं होता है, तो रजिस्ट्री प्रक्रिया नहीं होगी।

विदेश से भी हो सकेगी रजिस्ट्री

अगर कोई व्यक्ति विदेश में है और मध्य प्रदेश में संपत्ति की रजिस्ट्री कराना चाहता है, तो वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए यह काम कर सकता है। इसके लिए ऑनलाइन स्लॉट बुक कर वीडियो लिंक प्राप्त किया जाएगा। निर्धारित समय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी पक्षकार जुड़ सकेंगे और आधार-पैन नंबर के जरिए ई-केवाईसी कराई जाएगी। इसके बाद, दस्तावेज ऑनलाइन तैयार होंगे और सभी की सहमति के बाद ई-साइन से रजिस्ट्री हो जाएगी।

संपदा 2.0 के फायदे

फर्जी दस्तावेजों पर रोक: पहचान और जमीन के फर्जी दस्तावेज लगाना असंभव हो जाएगा।

धोखाधड़ी पर रोक: एक ही जमीन की कई लोगों को रजिस्ट्री कराना संभव नहीं होगा।

बिचौलियों की जरूरत नहीं: रजिस्ट्री के लिए अब किसी बिचौलिए की जरूरत नहीं पड़ेगी।

आसान लोन प्रक्रिया: रजिस्ट्री नंबर और ई-केवाईसी के जरिए लोन लेना आसान होगा।

रजिस्ट्री ऑफिस जाने की जरूरत नहीं: रजिस्ट्री के समय सभी को सब-रजिस्ट्रार ऑफिस जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

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