मध्यप्रदेश

ग्रीन एनर्जी के तरफ बढ़ता मध्य प्रदेश, तेजी से चल रहा सौ से अधिक सौर परियोजनाओं पर कार्य

Suyash Dubey | रीवा रियासत
20 Dec 2021 12:41 PM IST
Updated: 2021-12-20 07:17:05
Madhya Pradesh moving towards green energy, work on more than hundred projects going on fast
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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सौर परियोजनाओं (Solar Projects) पर तेजी से कार्य हो रहा है।

Madhya Pradesh Solar Projects: इस समय प्रदेश में एक सैकड़ा से अधिक सौर परियोजनाओं पर कार्य चालू है। प्रदेश की शिवराज सरकार देश समेत दुनियां में प्रदूषण से जल वायु परिवर्तन को गंभीरता से ले रही है। ऐसे में सरकार पूरे मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रकार की सौर परियोजनाओं का संचालन कर रही है।

मध्य प्रदेश जनसम्पर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में आगर-शाजापुर-नीमच में सौर पार्क परियोजना से 1500 मेगावॉट ऊर्जा उत्पादन क्षमता के विकास का कार्य जोरो पर है। नीमच में 500 मेगावॉट, आगर में 550 मेगावॉट और शाजापुर में 450 मेगावॉट की परियोजनाओं के लिये भूमि आवंटित की जा चुकी है। नीमच सोलर पार्क परियोजना से मात्र 2 रूपए 14 पैसे प्रति यूनिट की दर प्राप्त हुई है, जो देश की न्यूनतम दर है।

सौ से अधिक सोलर परियोजनाएँ हुई स्थापित


सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश ने प्रगति के नये प्रतिमान स्थापित किये हैं। रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना देश ही नहीं, एशिया की भी महत्वपूर्ण सोलर परियोजनाओं में से एक है। प्रदेश में वर्ष 2019-20 में 401.95 मेगावॉट क्षमता की 14 परियोजनाएँ स्थापित और 45.63 मेगावॉट क्षमता की 8 परियोजनाएँ पंजीकृत की गई। इसी तरह वर्ष 2020-21 में 81.20 मेगावॉट क्षमता की 12 परियोजनाएँ पंजीकृत और कुल 13 परियोजनाएँ स्थापित की गई।

मध्य प्रदेश में अब तक 128 सौर ऊर्जा परियोजनाओं से 2386 मेगावॉट विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। प्रदेश में वर्ष 2012 में पवन ऊर्जा से 315 मेगावॉट विद्युत का उत्पादन हो रहा था, जो अब पवन ऊर्जा में पंजीकृत 105 परियोजाओं के माध्यम से 5 हजार मेगावॉट तक बढ़ गया है। बायोमास आधारित विद्युत परियोजनाओं को विकसित करने के लिये विभिन्न उपाय किये गये हैं। प्रदेश में अक्टूबर 2011 को जारी नीति अनुसार 117 मेगावॉट की 33 परियोजनाएँ स्थापित हैं। कुल 16 मेगावॉट की 2 परियोजनाएँ और स्थापित की जा रही हैं।

फ्लोटिंग सौर परियोजना ओंकारेश्वर में हो रही स्थापित


देश की सबसे बड़ी 600 मेगावॉट की फ्लोटिंग सौर परियोजना ओंकारेश्वर में स्थापित की जा रही है, जिसकी बिडिंग शीघ्र संभावित है। यह बहुउद्देशीय परियोजना पर्यटन, भूमि और जल संरक्षण के लिये काफी महत्वपूर्ण होगी।

परियोजना से उत्पादित बिजली खंडवा में पॉवर ग्रिड के 400 किलोवॉट सब-स्टेशन के माध्यम से बाह्य ग्रिड से समायोजित की जाएगी। प्रदेश में 324 मेगावॉट क्षमता की 57 जल विद्युत परियोजनाओं के विकास का कार्य प्रगति पर है।


मध्य प्रदेश में ग्रीन ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये किसानों को सोलर ऊर्जा उत्पादन के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। केन्द्रीय नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा किसानों के लिये प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महा-अभियान (कुसुम) संचालित है।

प्रधानमंत्री कुसुम '(अ)-योजना' में किसान अपनी उपजाऊ या बंजर ज़मीन में सोलर संयंत्र की स्थापना कर राज्य शासन को बिजली बेच सकते हैं। परियोजना में प्रदेश के 357 किसानों ने 2961 एकड़ भूमि पर 600 मेगावॉट क्षमता की सोलर परियोजनाएँ लगाने की सहमति दी है। वर्ष 2021-22 में 100 मेगावॉट का लक्ष्य रखा गया है। योजना से किसानों को अतिरिक्त आय होगी।

प्रधानमंत्री कुसुम (Pradhan Mantri Kusum Yojana) '(ब)-योजना (मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना)' (Mukhya Mantri Solar Pump Yojana) में प्रदेश के किसानों को भरपूर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिये सोलर पंप की स्थापना की जा रही है। इस वर्ष लगभग 7 हजार सोलर पंप किसानों के यहाँ स्थापित किये जा चुके हैं। लगभग 23 हजार 500 किसानों ने सोलर पंप स्थापना के लिये पंजीयन करवाया है। खेतों पर जुलाई 2023 तक 45 हजार सोलर पंप स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित है।

प्रधानमंत्री कुसुम '(स)-योजना' में ग्रिड कनेक्टेड सिंचाई पंपों को सौर ऊर्जा से उर्जीकृत किया जाता है। योजना में संपूर्ण फीडर का सोलराइजेशन अथवा फीडर पर कनेक्टेड सिंचाई पंप का अलग-अलग सोलराइजेशन किया जा सकता है। योजना में केन्द्र शासन द्वारा 30 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।

Suyash Dubey | रीवा रियासत

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