मध्यप्रदेश

Lokayukta Action: एमपी में लोकायुक्त ने नगर निगम दरोगा को रिश्वत लेते रंगे हाथों किया गिरफ्तार

Sanjay Patel
6 Aug 2023 4:06 PM IST
Lokayukta Action: एमपी में लोकायुक्त ने नगर निगम दरोगा को रिश्वत लेते रंगे हाथों किया गिरफ्तार
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Lokayukta Action: मध्यप्रदेश में लोकायुक्त की लगातार कार्रवाइयों के बावजूद रिश्वतखोरी का चलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोकायुक्त पुलिस ने इस बार नगर निगम दरोगा को रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा है।

Lokayukta Action: मध्यप्रदेश में लोकायुक्त की लगातार कार्रवाइयों के बावजूद रिश्वतखोरी का चलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोकायुक्त पुलिस ने इस बार नगर निगम दरोगा को रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा है। एमपी के उज्जैन में लोकायुक्त द्वारा कार्रवाई को अंजाम दिया गया। जहां दरोगा को 1500 रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया है। लोकायुक्त की इस कार्रवाई के बाद मौके पर हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई।

चेक दिलवाने के एवज में मांगी थी रिश्वत

लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक आवेदक अजीज सक्तार हेला ने उज्जैन लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक को 4 अगस्त को शिकायत की गई थी कि नगर निगम के दरोगा कृष्णपाल बोयत द्वारा उनसे रिश्वत मांगी जा रही है। गैर हाजिरी नहीं लगाने और बेटी की शादी का 50 हजार रुपए का चेक दिलवाने के लिए दरोगा द्वारा 1500 रुपए की मांग की जा रही थी। लोकायुक्त पुलिस ने जब शिकायत का सत्यापन किया तो सच साबित हुई। जिस पर लोकायुक्त एसपी ने ट्रैप दल गठित किया। जिसके बाद आगे की कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

पैंट की जेब में रख ली थी रिश्वत की रकम

जानकारी के मुताबिक सौदा तय होने के बाद नगर निगम दरोगा कृष्णपाल बोयत को रकम देने के लिए उज्जैन के गायत्री नगर महाकाल स्पेयर दुकान के सामने बुलाया गया है। इस दौरान आवेदक अजीत सक्तार हेला ने दरोगा को रिश्वत की राशि दे दी। आरोपी ने सफाई कर्मचारी से रिश्वत की रकम लेकर पैंट की जेब में रख ली। जिस पर उसे चिमनगंज थाने ले जाकर पैंट जब्त की और दूसरी पैंट बुलवाकर पहनाई गई। कार्रवाई के दौरान लोकायुक्त की टीम में डीएसपी सुनील तालान, निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव शामिल थे। आगे की कार्रवाई चिमनगंज पुलिस थाने में की गई।

सफाई कर्मचारी से मांगी थी रिश्वत

शिकायकर्ता नगर निगम में सफाई कर्मचारी के रूप में कार्य करता है। सफाई कर्मचारी अजीज के मुताबिक वह दो शिफ्ट में काम करता है। पहली शिफ्ट सुबह 6 से 10 बजे तक तो दूसरी शिफ्ट दोपहर 2 से 5 बजे तक का है। उसको 8 हजार रुपए प्रति महीने वेतन मिलते हैं। बीते तीन माह से नगर निगम दरोगा द्वारा उससे एक हजार रुपए की घूस मांगी जा रही थी। अब उसका वेतन 250 रुपए बढ़ गया है जिसके बाद उसने रिश्वत की राशि भी बढ़ाने को कहा था।

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