- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- एमपी में गेहूं उपार्जन...
एमपी में गेहूं उपार्जन को लेकर आई लेटेस्ट अपडेट, सीएम शिवराज ने दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में गेहूँ उपार्जन के बाद किसानों को राशि के भुगतान का कार्य बिना विलंब के किया जाए। किसानों को कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए। उपार्जन केन्द्रों पर आवश्यक बैठक व्यवस्था और पेयजल प्रबंध भी होना चाहिए।
उपार्जित गेहूँ की सुरक्षा, तोल काँटे, हम्माल की व्यवस्था, परिवहन कार्य और अनाज को गोदाम तक पहुँचाने का कार्य भी सुचारू रूप से किया जाए। जहाँ ओलावृष्टि से गेहूँ की फसल को क्षति पहुँची है और चमकविहीन गेहूँ उपार्जित हुआ है, उसके लिए किसानों को पूर्ण राशि का भुगतान किया जाए।
इस कार्य में जन-प्रतिनिधि भी सहयोग करें। मुख्यमंत्री चौहान गत रात्रि समत्व भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा कमिश्नर एवं कलेक्टर्स से चर्चा कर रहे थे। इस दौरान जिलों से जनप्रतिनिधि भी जुड़े रहे। मुख्यमंत्री चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में लाड़ली बहना योजना के लिए आवेदन दर्ज किए जाने के कार्य में जन-प्रतिनिधियों के सहयोग, प्रशासनिक अमले की सक्रियता एवं किए गए परिश्रम के लिए बधाई दी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कर्जमाफी के चक्कर में जो किसान डिफाल्टर मान लिए गए थे, उनके ब्याज की राशि का भुगतान राज्य सरकार शीघ्र करेगी। प्रदेश में 17 मार्च के बाद और अप्रैल के प्रथम सप्ताह में हुई ओलावृष्टि से संबंधित सर्वे कार्य लगभग पूर्णता की ओर है। राज्य शासन द्वारा राहत राशि के लिए नई दरों का निर्धारण भी किया गया है। उसके अनुसार ही किसानों के खातों में राशि का अंतरण शीघ्र किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक तैयारियाँ अंतिम चरण में है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आगामी 10 से 25 मई की अवधि में प्रदेश में नामांतरण और बँटवारा के साथ सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का शिविर लगा कर समाधान किया जाएगा। यह कार्य गत वर्ष लगाए गए मुख्यमंत्री जन सेवा शिविर की तर्ज पर होगा। इसके लिए कलेक्टर्स आवश्यक तैयारियाँ प्रारंभ करें। शहरों में वार्ड स्तर और ग्राम पंचायतों में शिविर लगा कर जनता की समस्याओं को हल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लाड़ली बहना योजना के प्रति पूरे प्रदेश में जागरूकता देखी जा रही है। बहनों में योजना के प्रति उत्साह है, वे आनंदित हैं और भागीदारी के लिए आगे आई हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि परित्यक्ताओं को भी योजना से जोड़ा जाए। योजना के प्रचार-प्रसार के लिए पारम्परिक प्रचार माध्यमों जैसे नाटक, कठपुतली, गीत, दीवार लेखन, पेंटिंग आदि का उपयोग किया जा रहा है।
वीडियो कान्फ्रेसिंग के दौरान स्थानीय एनआईसी में पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ल, विधायक मनगवां डॉ. पंचूलाल प्रजापति, विधायक सेमरिया केपी त्रिपाठी, स्पीकर नगर निगम व्यंकटेश पाण्डेय, कमिश्नर कार्यालय में कमिश्नर अनिल सुचारी, कलेक्टर प्रतिभा पाल, आयुक्त नगर निगम संस्कृति जैन, सीईओ जिला पंचायत सौरभ सोनवणे सहित प्रशासनिक एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।