मध्यप्रदेश

महाअष्टमी पर मैहर में मां शारदा के अद्भुत स्वरूप का लाखो भक्तो ने किए दर्शन, इस रूप में सजी मां की सुन्दर प्रतिमा, कोरोना पर आस्था भारी

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 12:06 PM IST
महाअष्टमी पर मैहर में मां शारदा के अद्भुत स्वरूप का लाखो भक्तो ने किए दर्शन, इस रूप में सजी मां की सुन्दर प्रतिमा, कोरोना पर आस्था भारी
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महाअष्टमी पर मैहर में मां शारदा के अद्भुत स्वरूप का लाखो भक्तो ने किए दर्शन, इस रूप में सजी मां की सुन्दर प्रतिमा, कोरोना पर आस्था भारी

महाअष्टमी पर मैहर में मां शारदा के अद्भुत स्वरूप का लाखो भक्तो ने किए दर्शन, इस रूप में सजी मां की सुन्दर प्रतिमा, कोरोना पर आस्था भारी

मैहर। शारदेय नवरात्रि की महाअष्टमी पर्व पर मैहर की मां शारदा देवी का विशेष श्रृंगार के साथ ही उन्हे आभूषण भी पहनाए गए है। वे अपने अदभूद स्वरूप में भक्तो को दर्शन दे रही है। सतना जिले में त्रिकूट पर्वत पर विराजमान मैहर वाली मां शारदा और सलकनपुर की बिजासन माता का दरबार सज हुआ है। कोरोना पर भक्ति भारी है।

भक्त सुबह 4 बजे से ही दर्शन के लिए कतार में हैं। मैहर वाली माता और सलकनपुर में बिजासन मां के दरबार में लोग रोप-वे से भी पहुंच रहे हैं। हजारो श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में हाजिरी लगाई और यह संख्या लाखो में पहुच रही है। इसी तरह रीवा के रानी तालाब स्थित माता कालिका के दरबार में भक्तो का तांता लगा हुआ है। सोलह श्रृगार के साथ ही माता आभूषणो में सजी है।

कोरोना पर भक्ति भारी

शासन से दिशा-निर्देश मिलने के बाद इस बार मां शारदा के धाम मैहर में खास इंतजाम किए गए हैं। भक्तो की भीड़ को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने पहले से ही तैयारियां कर रखी थी। सीढिय़ों के रास्ते पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है।

आधी रात से ही लग रही थी लाइन

सुबह 4 बजे से ही लाइन में लगाकर श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश करने लगे। सभी श्रद्धालुओं को चेहरे पर मास्क लगाने और हाथ सैनिटाइज करने के निर्देश दिए गए थे। इसके साथ ही होटल, लॉज और धर्मशाला प्रबंधकों को भी नियमों का पालन कराने कड़ाई से निर्देश दिए गए थे। मैहर में बस ट्रेन और सड़क मार्ग से भी यात्रियों ने प्रवेश किया और मां के जयकारों के साथ आदिशक्ति मां शारदा के दर्शन किए। सुबह पौने चार बजे मां की आरती के साथ भक्तों ने भी मां से मनोकामना पूर्ति के लिए पूजा-अर्चना की।

महाष्टमी पर खास पूजन

मैहर धाम में पुजारी सुमित महाराज ने बताया कि महाष्टमी पर परंपरागत रूप से विशेष श्रृंगार किया गया है। सुबह 3.30 से 4 बजे के बीच में विशेष पूजन हुआ। इसके बाद पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गया। माता को चांदी का मुकुट, हार और चुनरी के साथ श्रृंगार किए गया है। इसके बाद सुबह 7 बजे छोटी आरती और पूजन हुआ है, दोपहर 1 बजे मां को अन्न का भोग लगा और विशेष पूजन हुई है। शयन आरती शाम को 8.30 बजे से 9 के बीच में होने के बाद पट बंद कर दिए जाते हैं, लेकिन अगर भीड़ होगी तो पट खुले रहेंगे।

अंहकार का हरण करती हैं मां शारदा

सुमित महाराज ने बताया कि देश के 51 शक्तिपीठों में से एक मां शारदा सरस्वती स्वरूप में त्रिकूट पर्वत पर विराजमान हैं। भगवान शंकर ने सती की देह को उठाकर तांडव शुरू कर दिया तो भगवान विष्णु ने सृष्टि को बचाने के लिए चक्र सुदर्शन से सती के टुकड़े-टुकडे कर दिए। उस वक्त माता सती का कंठ और हार त्रिकूट पर्वत पर गिरा। इसलिए इन्हें मैहर वाली माता कहा जाता है। मतलब माई का हार। ये भी कहा जाता है कि मां सबसे पहले मय यानि अहंकार का हरण करती हैं।

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