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एमपी में शराबबंदी करने वाला पहला गांव बना जल्दा मुड़िया, बेची या पी तो लगेगा एक हजार जुर्माना
गत दिनों डिंडौरी जिले में कार्यक्रम का आयोजन कर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासी समाज के लिए पेसा एक्ट लागू किया था। पेसा एक्ट के तहत शराबबंदी करने वाला डिंडौरी का जल्दा मुड़िया जिले का पहला गांव बन गया है। गांव के ग्रामसभा अध्यक्ष राजकुमार की मानें तो पेसा एक्ट के तहत ग्रामसभा का आयोजन 30 दिसम्बर को किया गया था। जिसमें गांव की महिलाओं एवं पुरुषों ने हिस्सेदारी निभाई। इस दौरान सभी ने एकमत होकर गांव में शराबबंदी करने के लिए आवाज बुलंद की।
आयोजनों में जानकारी के बाद मिलेगी छूट
डिंडौरी के ग्राम जल्दा मुड़िया में आयोजित ग्रामसभा के दौरान महिलाओं एवं पुरुषों ने एकमत से यह निर्णय लिया गया है कि गांव में शराब बनाते या बेचते पाए जाने पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। गांव की सरपंच सुनीता वनवासी की मानें तो गांव के जिस घर में शादी, विवाह, जन्मोत्सव या अन्य आयोजन होंगे। उन घर के लोगों को ग्रामसभा में आकर जानकारी देनी होगी। जिसके बाद ही चार लीटर शराब तक के उपयोग के छूट प्रदान की जाएगी। ऐसा नहीं करने पर शराब का उपयोग पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
रहते हैं तीन सौ परिवार
जल्दा मुड़िया गांव में तीन सौ परिवार रहते हैं। गांव के अंदर सात टोले हैं जिनमें यह निवास करते हैं। गांव के अंदर आने वाले सातों टोले की जिम्मेदारी ग्रामसभा सदस्यों को सौंपी गई है। इस दौरान वह अपने-अपने टोलों की निगरानी कर शराबबंदी को लागू करने का दायित्व निभाएंगे। ग्रामसभा अध्यक्ष राजकुमार के अनुसार सुरेश को उमरहा टोला, ज्योति बाई को स्कूल टोला, पंचम सिंह को डकी टोला, सिया बाई को कोटवार टोला, टंकेश्वरी सिंह को खेरो टोला, प्रीतम सिंह को केकर टोला, अजय सिंह को इमली टोला का दायित्व सौंपा गया है। जहां पर इनके द्वारा शराबबंदी को लेकर निगरानी की जाएगी।
30 दिसंबर से न बिकी और न ही किसी ने पी शराब
ग्रामसभा अध्यक्ष राजकुमार ने बताया कि एक जनवरी को गांव में मृतक दशरथ पिता फागू 55 वर्ष का दशगात्र तेरहवीं का कार्यक्रम था। जल्दी मुड़िया गांव के कार्यक्रमों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी के द्वारा शराब का सेवन नहीं किया गया। ग्रामसभा का आयोजन 30 दिसम्बर को हुआ था जिसके बाद से यहां न तो किसी ने शराब का सेवन ही किया और ही इसकी बिक्री हुई। जल्दा मुड़िया गांव में शराबबंदी का प्रस्ताव पारित होने के बाद से यहां की महिलाएं अत्यधिक प्रसन्न नजर आ रही हैं। उनका मानना है कि शराबबंदी से शराबबंदी से जहां अपराधों पर अंकुश लगेगा तो वहीं सुख और शांति का वातावरण भी निर्मित होगा।