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जेडी हेल्थ ने किया निरीक्षण, कहाः अस्पताल में मरीजों की हैसियत देखकर नहीं जरूरत के हिसाब से करें इलाज
स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक मुरैना में अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। संयुक्त संचालक डाॅ. एम भूषण ने चिकित्सकों से कहा कि अस्पताल में वीआईपी कल्चर नहीं होना चाहिए। अस्पताल में मरीजों की हैसियत देखकर नहीं बल्कि उनकी जरूरत के हिसाब से इलाज करें। उनके द्वारा जिला अस्पताल की पुरानी व नई इमारतों का भी निरीक्षण किया गया। उनके साथ क्षेत्रीय संयुक्त संचालक डाॅ. राकेश चतुर्वेदी, सीएमएचओ डाॅ. राकेश शर्मा, आरएमओ डाॅ. सुरेन्द्र गुर्जर सहित अन्य चिकित्सक मौजूद रहे।
ओपीडी का किया निरीक्षण
संयुक्त संचालक और क्षेत्रीय संयुक्त संचालक द्वारा मुरैना जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उनके द्वारा ओपीडी की व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। हालांकि उनके आने की खबर पूर्व से ही मिल जाने के कारण अस्पताल प्रबंधन सचेत हो गया था। जिससे समस्त व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली गई थीं। अस्पताल के समस्त स्टाफ को भी समय पर आने के साथ ही अपने विभाग को अत्यंत व्यवस्थित रखने की सलाह दी जा चुकी थी।
6 आपरेशन थियेटर पाए गए बंद
जिला अस्पताल में वर्तमान समय पर सात आपरेशन थिएटर हैं। निरीक्षण के दौरान संयुक्त संचालक डाॅ. एम भूषण ने पाया कि इनमें से 6 आपरेशन थियेटर बंद हैं। जबकि एकमात्र ही प्रसूताओं वाला चालू पाया गया। जिस पर उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से इस संबंध में जानकारी मांगी तो उन्होंने बताया कि अन्य आपरेशन थियेटरों का अभी सामान नहीं आ पाया है जिसके चलते उन्हें बंद रखा गया है।
निरीक्षण दल ने जताई नाराजगी
निरीक्षण के दौरान दल जब अस्पताल के पोषण पुनर्वास केन्द्र पहुंचा तो वहां बच्चों की संख्या अत्यंत ही न्यून पाई गई। यहां केवल 10 बच्चे ही दल को मिले। पुनर्वास केन्द्र प्रभारी द्वारा जब उनसे विजिटर रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा तो दल द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा गया कि जब यहां बच्चे ही नहीं हैं तो इससे क्या फायदा होगा। दल द्वारा सीएमएचओ से पोषण पुनर्वास केन्द्र में जल्द से जल्द बच्चों की संख्या बढ़ाने की हिदायत भी दी गई।