- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- जबलपुर हाईकोर्ट का...
जबलपुर हाईकोर्ट का आदेश, गर्भवती महिला कर्मचारी का ट्रांसफर स्थगित, विभाग को पुनर्विचार का आदेश
मध्य प्रदेश जबलपुर हाईकोर्ट में एक महिला ने ट्रांसफर स्थगित करने के लिए आवेदन दिया। महिला ने अपने आवेदन में अपनी सभी जायज समस्याओं का उल्लेख करते हुए राहत की गुहार लगाई। जिस पर न्यायालय ने महिला कर्मचारी का ट्रांसफर स्थगित कर दिया। कहा गया कि महिला गर्भवती है एवं उसके वृद्ध सास एवं ससुर उसके ऊपर निर्भर है। ऐसे में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने शासन से कहा है कि वह महिला कर्मचारी के अभ्यावेदन पर पुनर्विचार करें।
50 किलोमीटर दूर हुआ ट्रांसफर
जानकारी के अनुसार श्रीमती नीतू ठाकुर नर्सिंग ऑफीसर जिला अस्पताल में पदस्थ थी। इनका ट्रांसफर जिला अस्पताल सिवनी से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खवासा कुरई कर दिया गया था। इस ट्रांसफर से पीड़ित होकर श्रीमती ठाकुर उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की। न्यायालय से राहत की मांग करते हुए उन्होंने अपने कई जायज कारण रखें।
कर्मचारी की ओर से अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय जबलपुर में पैरवी करते हुए बताया कि कई कारणों से महिला कर्मचारी का ट्रांसफर निरस्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि महिला स्वयं गर्भवती है। साथ ही महिला के ऊपर उसके वृद्ध सास और ससुर की देखभाल का पूरा जिम्मा है। अवस्था के इस अंतिम पड़ाव में वृद्ध सास ससुर की देखभाल करना उनका कर्तव्य है। वर्तमान कार्य स्थल से स्थानांतरित कार्यस्थल की दूरी लगभग 50 किलोमीटर से ज्यादा है। ऐसे में वह स्वयं अस्वस्थता की वजह से अप डाउन नहीं कर सकती। अतः कर्मचारी के ट्रांसफर से संरक्षण प्रदान किया जावे।
अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी को सुनने के बाद उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता पुनः ट्रांसफर के निरस्त करने हेतु विभाग के समक्ष अभ्यावेदन दे। अभ्यावेदन निराकरण की अवधि में ट्रांसफर स्टे रहेगा। यदि पीड़ित महिला कर्मचारी के स्थान पर किसी अन्य कर्मचारी ने ज्वाइन नहीं किया है तो वह वर्तमान कार्यस्थल पर ही कार्य करेंगी।