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मध्यप्रदेश में 42 हजार फोरेंसिक सैंपलों की अटकी है जांच
मध्यप्रदेश में लगभग 42 हजार फोरेंसिक सैंपलों की जांच अटकी हुई है। जिसकी वजह से लोगों को जल्द न्याय मिलने की उम्मीदों पर पानी फिर रहा है। लंबित जांचों के सैंपल निपट नहीं पाते इससे पहले ही नए सैंपल आ जाते हैं जिससे सैंपलों की पेंडेंसी बढ़ती जा रही है। इसमें लगने वाले समय से लोगों को न्याय मिलने में देरी हो रही है।
यहां बन रही नई फोरेंसिक लैब
सूत्रों की मानें तो रीवा, रतलाम और जबलपुर में नई लैब तैयार की जा रही हैं। जिनके प्रारंभ होने के बाद हर माह 12सौ अतिरिक्त सैंपलों की जांच की जा सकेगी। वर्तमान समय में सागर, भोपाल, ग्वालियर और इंदौर में ही फोरेंसिक लैब संचालित हैं। सागर में सर्वाधिक सैंपलों की जांच की जाती है। यहां हर महीने 800 से 1000 सैंपल निपटाए जाते हैं। सागर, भोपाल, ग्वालियर और इंदौर की फोरेंसिक लैब में अभी लगभग 42 हजार सैंपलों की जांच अटकी हुई है। पुराने सैंपलों में हर माह 3 हजार 200 सैंपल निपटाए जाते हैं। जबकि तकरीबन हर माह 3000 नए सैंपल आ जाते हैं। जिससे लंबित जांचों की संख्या में इजाफा हो रहा है। जिन सैंपलों की जांच होनी है उनमें सर्वाधिक जहर के बताए गए हैं।
भोपाल लैब का हो रहा विस्तार
प्रदेश के तीन स्थानों में नई लैब बनाए जाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। नई लैब निर्माण के लिए शासन से 13 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे। इसके अलावा भोपाल के भदभदा में स्थित फोरेंसिक लैब का विस्तार किया जा रहा है। जिसके विस्तार के बाद यहां सैंपलों की जांच में तेजी आएगी इसके साथ ही प्रतिमाह सौ सैंपल की क्षमता में वृद्धि हो जाएगी। सागर, भोपाल, ग्वालियर और इंदौर की फोरेंसिक लैब की क्षमता 22सौ थी जिसे बढ़ाकर 32सौ किया गया है। वहीं तीन जगह नई लैब के निर्माण के साथ ही जल्द ही यहां विभिन्न पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया भी आरंभ की जाएगी। नई लैबों के निर्माण के बाद फोरेंसिक सैंपलों की जांच में इजाफा होगा जिससे जल्दी ही इन सैंपलों की जांच हो सकेगी।