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एमपी के महाविद्यालयों में जल्द होगा आंतरिक समिति का गठन, उच्च शिक्षा आयुक्त ने दिये यह निर्देश
मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा आयुक्त ने सभी महाविद्यालयीन प्राचार्यों एवं एडी को पत्र लिखकर कहा है कि महाविद्यालयों में जल्द से जल्द आंतरिक समितियों का गठन किया जाए। यह समिति लैंगिक उत्पीड़न के मामलों की जांच करेगी। समिति के जरिए कार्यस्थल पर काम करने वाली महिलाओं को राहत देने की कोशिश की जा रही है। समिति गठन के लिए उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त ने सभी महाविद्यालय प्राचार्यों को निर्देश जारी किए हैं।
उच्च शिक्षा आयुक्त ने यह दिए निर्देश
उच्च शिक्षा आयुक्त द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि प्राचार्यों को शासन द्वारा तय प्रारूप में समिति का गठन करना होगा। पद में वरिष्ठ महिला कर्मचारी को समिति का पीठासीन अधिकारी बनाया जाएगा साथ में दो कर्मचारी सदस्य व एक शासकीय सदस्य को शामिल करना अनिवार्य होगा। यही नहीं समिति के सदस्यों का विवरण महाविद्यालय में सूचना पटल की तरह प्रदर्शित करना होगा ताकि सभी महिलाएं सहजता से समिति तक पहुंच सकें।
गोपनीय रहेगा शिकायतकर्ता का नाम
पत्र में स्पष्ट किया गया है कि कार्य स्थल पर किसी भी महिला कर्मी को यदि कोई अभद्र तरीके से इशारे या भाषा का उपयोग करता है तो उसके विरुद्ध इस समिति के समक्ष शिकायत की जाएगी। यही नहीं शिकायतकर्ता का नाम पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा। साथ ही शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध सेवा नियमों के अंतर्गत कार्रवाई करने की अनुशंसा करने का अधिकार समिति के पास होगा।
अब तक होती थी परेशानी
यहां पर यह बता दें कि महाविद्यालयों में आंतरिक समिति का गठन नहीं होने की वजह से काम करने वाली महिलाओं को न सिर्फ दिक्कतों का सामना करना पड़ता है बल्कि उनके साथ होने वाली छेड़खानी व अभद्र व्यवहार जैसी समस्याओं की शिकायत करने की भी समस्या बनी रहती है। ऐसे में हायर एजुकेशन द्वारा जारी किए गए निर्देश के अनुपालन में जल्द ही आंतरिक समिति का गठन किए जाने की कवायद शुरू की जाएगी। माना जा रहा है कि अगस्त के पहले सप्ताह में इस समिति का गठन कर काम शुरू कर दिया जाएगा।