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Railway News: ऑटोमेटिक सिग्नलिंग के जरिए भोपाल रेल मंडल से चलने व गुजरने वाली 250 ट्रेनों की बढ़ी स्पीड
रेलवे का फोकस ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम की तरफ है। जिसको अमल में लाने से भोपाल रेल मंडल से चलने के साथ ही यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की स्पीड बढ़ गई है। जिनमें 250 यात्री ट्रेनें शामिल हैं। पहले यह रेलगाड़ियां 110 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम औसत स्पीड से चल रही थीं। किन्तु अब इनको 130 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत रफ्तार से चलाया जा रहा है।
इन ट्रेनों की बढ़ी स्पीड
रेलवे के अनुसार पश्चिम-मध्य रेल जोन की 750 ट्रेनें रफ्तार से दौड़ने लगी हैं। जिनमें पैसेंजर से लेकर सुपरफास्ट ट्रेन तक शामिल हैं। भोपाल, जबलपुर व कोटा मंडल के विभिन्न सेक्शनों में चल व गुजर रही ट्रेनों की स्पीड बढ़ी है। जिनमें जबलपुर की 300, भोपाल की 250 और कोटा की 200 रेलगाड़ियां शामिल हैं। पिछले डेढ़ वर्ष से भोपाल मंडल ही नहीं सभी सेक्शनों में मौजूद ट्रैक की स्पीड बढ़ाने का कार्य रेलवे द्वारा किया जा रहा था। जिसका नतीजा यह रहा कि इन सेक्शनों से गुजरने वाली पैसेंजर, एक्सप्रेस, मेल व सुपरफास्ट की स्पीड बढ़ गई है। अब यह ट्रेनें औसतन अधिकतम 130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगी हैं।
यहां भी शुरू होगा ट्रायल
रेलवे अधिकारियों की मानें तो सिग्नलिंग, ट्रैक बदलकर, मेंटेनेंस आदि कार्यों के जरिए विभिन्न सेक्शनों में स्पीड को बढ़ाने का काम किया जाता है। ऐसे में इन सेक्शनों से जो भी ट्रेनें चलती एवं गुजरती हैं उनकी स्पीड लगातार बढ़ती चली जाती है। रानी कमलापति स्टेशन से बरखेड़ा-बुदनी सेक्शन में सिग्नल ऑटोमेशन का कार्य पूरा हो गया है इसके साथ ही यहां ट्रायल चल रहा है। रेलवे के मुताबिक बीना, इटारसी सहित कुछ स्टेशनों के ऐसे सेक्शन बचे हैं जहां सिग्नल ऑटोमेशन तो लग गया किंतु अभी तक ट्रायल नहीं हो सका है। इन बचे हुए सेक्शनों में मार्च तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा। जिसके बाद वहां पर भी सिग्नल ऑटोमेशन अप्रैल माह से कार्य करने लग जाएगा।
इनका कहना है
इस संबंध में पश्चिम-मध्य रेल जोन के प्रवक्ता राहुल श्रीवास्तव का कहना है कि भोपाल मंडल सहित जोनल क्षेत्र के 23सौ किलोमीटर क्षेत्र में ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम इंस्टॉल हो चुका है। जिसके कारण यहां से चलने व गुजरने वाली ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ गई है। अब ट्रेनें औसतन 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने लगी हैं।