मध्यप्रदेश

MP: कागजों में मृत फरियादी ने कलेक्टर से लगाई गुहार, कहा 'साहब मुझे जिंदा कर दो..'

Singrauli MP News
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Singrauli MP News: सिंगरौली जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक जिंदा व्यक्ति को अपने जिंदा होने की गुहार कलेक्टर से लगानी पड़ रही है।

सिंगरौली- जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक जिंदा व्यक्ति को अपने जिंदा होने की गुहार कलेक्टर से लगानी पड़ रही है। काफी पुरानी एक फिल्म है कागज, इस फिल्म में कुछ ऐसा ही देखने को मिला था। फिल्म के मुख्य किरदार निभाने वाले एक्टर पंकज त्रिपाठी को अपने जिंदा होने के लिए भटकना पड़ता है। सरकार कार्यालयों में जाकर उन्हें यह बताना पड़ता है कि मैं जिंदा हूं। लेकिन सरकारी कर्मचारी उनके जिंदा होने का सबूत मांगते हैं। यह मामला भी कुछ ऐसा ही है। इसी परिप्रेक्ष्य में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे व्यक्ति ने कलेक्टर से कहा साहब मैं जिंदा हूं, मुझे कागजों में भी जिंदा कर दो।

क्या है मामला

बताया गया है कि सिंगरौली जिले के चितरंगी तहसील के गांव नेवारी निवासी वृद्ध रामू साकेत 75 वर्ष बेहद गरीब है। खुद के पास किसी तरह की जमीन तक नहीं है। सरकारी जमीन का लाभ लेने के लिए दो माह पहले वृद्ध तहत तहसील गए। जहां अधिकारियों द्वारा वृद्ध को बताया गया कि आप तो मृत घोषित है। जीवित अवस्था में खड़े वृद्ध ने कहा कि साहब मैं तो सही सलामत आपके सामने खड़ा हू। इस पर अधिकारियों ने कहा कि कागज मायने रखता है, कागज में आम मृत घोषित हो चुके हैं। इसलिए किसी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिल सकती। इसके बार वृद्ध कलेक्टर के पास गया और अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि साहब मुझे जिंदा कर दो, जिससे मैं सरकारी योजना का लाभ ले सकूं।

होगी कार्रवाई

जिला कलेक्टर अरूण परमार ने बताया कि रामू साकेत ने आवेदन दिया है। सरकारी कागजों में उसे मृत घोषित कर दिया गया है। मामले की जांच करवा रहे हैं। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

और भी मामले आए सामने

सरकारी कागजों में लोगों को मारने का यह कोई पहला मामला नहीं है। गत दिवस चितरंगी ब्लॉक के खुरचुमा निवासी ज्योति शरण तिवारी ने भी डीएम को आवेदन देकर कहा था कि मुझे सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया गया है। यह कार्य गांव के सरपंच-सचिव द्वारा किया गया है। मुझे सरकारी राशन तक नहीं मिल पा रहा है। दूसरी योजनाओं से भी मैं वंचित हो रही हूं। मुझे कागजों में जिंदा कर दिया जाय। गौरतलब है कि कई बार सरकारी कागजों तो कई बार सरपंच-सचिव की खुन्नस के कारण व्यक्तियों को कागजों में मृत घोषित कर दिया जाता है।

Suyash Dubey | रीवा रियासत

Suyash Dubey | रीवा रियासत

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