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एमपी की स्कूलों में पढ़ाया जाएगा जाटों का इतिहास, मुख्यमंत्री शिवराज ने किया ऐलान
एमपी भोपाल के दशहरा मैदान में रविवार को जाट महाकुंभ का आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेश भर से काफी संख्या में जाट समुदाय के लोग जुटे। सम्मेलन के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रहे। कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल, अभय सिंह चौटाला, विक्रम वर्मा भी पहुंचे। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी सम्मेलन में शामिल हुए।
वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड का होगा गठन
जाट महाकुंभ में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सच्चा देशभक्त और निर्भीक जाट समाज है। उन्होंने कहा कि वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड का गठन और एक दिन का ऐच्छिक अवकाश घोषित किया जाएगा। स्कूलों में जाटों का इतिहास पढ़ाया जाएगा। सीएम ने कहा कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर में परीक्षण कर भूमि दी जाएगी। चुनाव में जाट समुदाय के लोगों को टिकट देने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि टिकट देने में वह असमर्थ हैं। क्योंकि यह निर्णय पार्टी करती है।
कमलनाथ ने कहा यह वीरों की महासभा
सम्मेलन में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह वीरों की महासभा है। हमें समाज के साथ देश की भी सोचना है। हमारी जोड़ने की संस्कृति है। यह हमें एक झंडे के नीचे रखती है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ घोषणा मशीन नहीं। मैं क्रियान्वयन में विश्वास रखता हूं, घोषणा नहीं करूंगा। कमलनाथ ने कहा कि अगले कार्यक्रम में वह हिसाब देंगे। आज का नौजवान रोजगार चाहता है यह प्रदेश के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। जिसका हम सामना करेंगे। हमें संस्कृति, संविधान और सामाजिक मूल्यों की भी रक्षा करना है।
सीएम को सौंपा मांग पत्र
भोपाल के दशहरा मैदान में आयोजित जाट महाकुंभ में समुदाय के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मांग पत्र सौंपा। जिसमें उनके द्वारा तेजाजी कल्याण बोर्ड का गठन, तेजाजी जयंती पर सामूहिक अवकाश शामिल है। इसके साथ ही मांग पत्र में चुनाव के दौरान भाजपा जाट समाज के दस लोगों को टिकट देने, ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित करने, जाटों का इतिहास पाठ्यक्रम में शामिल करने आदि शामिल हैं।