- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- Donkey Fair 2022:...
Donkey Fair 2022: सलमान सबसे महंगा बिका, शाहरुख सस्ते में, ऋतिक- रणवीर की भी बोली लगी, जानिए चित्रकूट के विशेष 'गधा मेला' के बारे में
Historical Donkey Fair in Holy City Chitrakoot
Historical Donkey Fair in Holy City Chitrakoot: सतना. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमावर्ती धार्मिक नगरी चित्रकूट (Chitrakoot) में हर साल गधों के खरीदी बेंची का एक विशेष मेला लगता है. यह मेला मंदाकिनी नदी के किनारे लगता है. चित्रकूट में धार्मिक आयोजनों के साथ सैकड़ों वर्षों पूर्व से पशु मेला लगता है. मेले में सर्वाधिक चर्चा का विषय 'गधे' रहें हैं. मेले में जमकर गधों की खरीदी बिक्री हुई है. गधों के नाम फ़िल्मी अभिनेताओं के नाम पर होते हैं. खबर है कि इस साल सलमान, अमिताभ, ऋतिक, रणवीर नाम वाले गधों की बोली लगाई गई. सलमान सबसे महंगा बिका.
हर साल सतना जिले के चित्रकूट में होने वाले इस मेले का आयोजन सतना जिला पंचायत द्वारा किया जाता है. श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में यह मेला दीपावली पर्व के दौरान मंदाकिनी नदी के किनारे लगता है. जो पांच दिनों तक चलता है. इस मेले में देश भर के लोग गधों (Donkies) के खरीदी-बिक्री का कारोबार करते हैं. इस साल 2022 में भी मंदाकिनी नदी के तट पर गधा मेला (Donkey Fair) का आयोजन हुआ है.
सबसे महंगा सलमान तो शाहरुख की बोली कम लगी
इस साल पिछले साल 2021 के मुकाबले गधों की बोली बहुत कम लगी है. पिछले साल 10 लाख में शाहरुख की बोली लगी थी, लेकिन इस साल शाहरुख महज 90 हजार रुपए में बिका है. जबकि पिछले साल 7 लाख में बिकने वाला सलमान इस साल सबसे महंगा गया है, सलमान की बोली 2 लाख रूपए लगी.
इसके अलावा गधों में ऋतिक-रणवीर गधे भी शामिल थें. इनकी भी ठीक ठाक कीमत मिली है. ये गधे हजारों में बिके हैं. चित्रकूट के मंदाकिनी नदी के तट पर लगने वाले डंकी फेयर में अमिताभ, आमिर, अक्षय, सैफ नाम के गधों की भी बोली लगी है. गधा मेले में अनुमानित कारोबार पिछले साल के मुकाबले काफी कम होना बताया जा रहा है.
अलग-अलग नस्लों के गधों को देखने के लिए जुटती है भीड़
दिवाली के दौरान चित्रकूट के मंदाकिनी नदी के किनारे होने वाले इस गधा मेले के आयोजन में भारी संख्या में लोगो की भीड़ भी जुटती है. देश भर के प्रदेशों से यहाँ अलग-अलग कद काठी और नस्लों के गधों की खरीदी विक्री होती है. चित्रकूट में भारत का सबसे बड़ा गधा खरीद फरोख्त केंद्र है. इस बार 15 हजार से अधिक गधों की खरीदी बिक्री हुई है.
100 साल पुरानी है गधों के मेले की परंपरा
चित्रकूट के गधों के मेले की परंपरा मुगल बादशाह औरंगजेब ने शुरू की थी. मेले से उसने मुगल सेना के बेड़े में गधे-खच्चर शामिल किए थे. यह ऐतिहासिक मेला सौ वर्ष पुराना है. गधों की बोली लाखों तक लगाई गई है. मेले में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार के विभिन्न जिलों के व्यापारी और जरूरतमंद गधों की खरीद-बिक्री करने आते हैं. जहां इन गधों के कद काठी के हिसाब से उनकी बोली पांच हजार से शुरू होकर लाखों तक पहुंच जाती है.