- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- एमपी में गेहूं का...
एमपी में गेहूं का उत्पादन बढ़ाने सरकार का मास्टर प्लान, किसान होंगे मालामाल
MP Farmers News: मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) वैसे भी किसानों की आय दुगनी करने के संकल्प की दिशा में कार्य कर रही है। लेकिन अब सरकार ने मध्यप्रदेश में और अधिक गेहूं का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा दिया है।
वैसे भी मध्यप्रदेश में उत्पादित होने वाले गेहूं की मांग देश के ज्यादातर राज्यों में होने के साथ ही विदेशों में भी है। अब मध्य प्रदेश सरकार चाहती है कि मध्यप्रदेश में और अधिक गेहूं का उत्पादन हो। इसके लिए एक विशेष रणनीति तैयार की गई है। आइए इस रणनीति से हम आप और किसान वाकिफ हों।
अधिक उपज देने वाले किस्मों की खोज
गेहूं उत्पादन बढ़ाने की दिशा में मध्य प्रदेश सरकार का सबसे बड़ा प्रयास यह है कि की नई एवं विकसित किस्मों का प्रयोग किसान शुरू करें। इसके लिए गुणवत्तापूर्ण बीजों का वितरण सरकार निश्चित करने जा रहे हैं। कई ज्यादा उत्पादन देने वाले के गेहूं के बीजों का परीक्षण किया जा चुका है। अब यह भी किसानों को बाजार में बोनी के लिए उपलब्ध है।
ज्यादा उत्पादन देने वाले गेहूं के बीज
जानकारी के अनुसार अधिक पैदावार देने वाली गेहूं के बीजों में सबसे पहला नाम "पूसा तेजस एचआई 8759 दुरम" है। यह प्रति हेक्टेयर 70 कुंटल से लेकर 57 कुंटल औसत उत्पादन दे रहा है।
इसी तरह 'पूसा अनमोल एचआई 8737 दुरम' है। जिसका औसत प्रति हेक्टेयर उत्पादन 65 क्विंटल है। वही औसत उत्पादन 53 क्विंटल से अधिक बताया गया है।
'पूसा मावली एचआई 4328 दुरम' जिसका प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादन 68 क्विंटल से लेकर औसत उत्पादन 54 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
'जे डब्ल्यू 3382' नामक गेहूं का बीज प्रति हेक्टेयर उपादान 68 क्विंटल तथा औसत 59 क्विंटल से अधिक है।
इसी तरह 'राज 4238' जिसका प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादन 55 क्विंटल से लेकर औसत उत्पादन 45.50 क्विंटल है।
किसानों की सुविधा के लिए सरकार का प्रयास
किसानों को हर सुविधा प्रदान करने के लिए मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। किसानों को अपना उत्पादन समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए प्रदेश भर में 4500 से अधिक उपार्जन केंद्रों की स्थापना की गई है। जहां किसान सरलता से अपने कृषि उत्पाद दे सकते हैं।
इसी तरह है सरकार का प्रयास चल रहा है कि मध्यप्रदेश में उत्पादित होने वाला शरबती गेहूं को अलग पहचान दिलाई जाए। इसके लिए सरकार का प्रयास है कि जीआई टैग प्राप्त हो। माना जा रहा है कि बहुत जल्दी शरबती गेहूं को जीआई टैग प्राप्त हो जाएगा। इससे शरबती गेहूं के कीमत में जहां वृद्धि होगी वही गुणवत्तापूर्ण शरबती गेहूं की डिमांड बढ़ेगी।