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एमपी के छात्रों के लिए खुशखबरीः इन कक्षा के बच्चों को नहीं दिया जाएगा होमवर्क, सप्ताह में एक दिन बिना बस्ता के जाएंगे स्कूल
मध्यप्रदेश की स्कूलों में पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों को होमवर्क नहीं दिया जाएगा। वहीं कक्षा तीसरी से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को प्रति सप्ताह अधिकतम दो घंटे ही होमवर्क दिया जाएगा। इस संबंध में राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। सोमवार से सभी स्कूलों को इसका पालन करना अनिवार्य किया गया है।
सप्ताह में एक दिन बैग विहीन दिवस
राज्य शिक्षा केन्द्र ने कक्षा आठवीं तक के स्कूलों में सप्ताह में एक दिन बैग विहीन दिवस मनाया जाएगा। संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र धनराजू एस ने जारी निर्देशों में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व जिला परियोजना समन्वयकों से कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप स्कूल बैग पॉलिसी जारी की गई है। जिसकी सघन मॉनीटरिंग की जाए। निर्देशों में यह भी कहा गया है कि स्कूल के नोटिस बोर्ड पर वजन का चार्ट प्रदर्शित किया जाए, बैग वजन का मापन किया जाए। स्कूल शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार पिछले वर्ष एक सितंबर को सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के समिति के विद्यार्थियों के लिए बस्ते का अधिकतम वजन तय किया था। विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया था कि स्कूल बैग में राज्य शासन द्वारा निर्धारित एवं एनसीईआरटी द्वारा नियत पाठ्यपुस्तकों से अधिक किताबें नहीं होनी चाहिए।
बिना पुस्तकों के इनकी लगेंगी कक्षाएं
राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा जारी किए गए निर्देश के मुताबिक कम्प्यूटर, नैतिक शिक्षा, सामान्य ज्ञान, स्वास्थ्य, शारीरिक शिक्षा, खेल एवं कला की कक्षाएं बगैर पुस्तकों के ही लगाई जाएंगी। वहीं सप्ताह में एक दिन बैग विहीन दिवस होगा। इस दिन स्कूलों में व्यावसायिक कार्यानुभव से संबंधित गतिविधियां होंगी। कक्षा दूसरी तक के छात्रों को कोई भी गृहकार्य नहीं दिया जाएगा। तीसरी से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों को प्रति सप्ताह अधिकतम दो घंटे, छठवीं से आठवीं तक के छात्रों को प्रतिदिन अधिकतम एक घंटे और नौवीं से 12वीं तक के छात्रों को प्रतिदिन अधिकतम दो घंटे का ही गृह कार्य दिया जाए।
बस्ते का वजन चार्ट प्रदर्शित करना अनिवार्य
स्कूल शिक्षा विभाग ने बस्ते का बोझ करने के लिए गाइड लाइन तैयार की है। प्रत्येक स्कूल को नोटिस बोर्ड एवं कक्षा में बस्ते के वजन का चार्ट प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया है। स्कूल डायरी का वजन भी बस्ते के वजन में शामिल किया जाना है किंतु अभी तक यह नहीं किया गया। जिला शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों का औचक निरीक्षण भी करना है। प्रत्येक तीन माह में स्कूल बैग के वजन की जांच करना है। इसके साथ ही बस्ते का वजन निर्धारित सीमा में करना है किंतु प्रदेश के किसी भी जिले में ऐसा नहीं हो रहा है।
स्कूल बैग पॉलिसी का पालन करवाने दिए निर्देश
राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि शाला प्रशासन या प्रबंधन समिति कक्षा आठवीं तक के छात्रों के लिए अभ्यास पुस्तिकाओं वर्कबुक एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों को शाला में ही रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। विभाग पिछले वर्ष जारी आदेश का पालन नहीं करवा पाया था। अब एक जुलाई से स्कूलें पुनः संचालित होने लगी हैं। किंतु अभी भी नौनिहाल बस्ते के बोझ के साथ स्कूल जाने के लिए विवश हैं। जिसे देखते हुए संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र ने स्कूल बैग पॉलिसी का पालन करवाने के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व जिला परियोजना समन्वयकों को निर्देश जारी किए गए हैं।