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MP Police की Dial 100 सेवा हुई धीमी, रिस्पांस टाइम बिगड़ा
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भोपाल: मेंटनेंस न होने के कारण प्रदेश के एफआरवी वाहन अपनी उपयोगिता सिद्ध नहीं कर पा रहे हैं। स्थिति यह है कि अधिकतर वाहन थानों में केवल इसलिए खडे़ रहते हैं क्योंकि उनकी उपयोगिता पूरी तरह से शून्य हो गई है। इसके अलावा एफआरवी डायल 100 के रिस्पांस टाइम में भी काफी अंतर देखने को मिल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शहर में पीड़ितों क मदद के लिए घटनास्थल पर 10 मिनट में पहुंचने वाली डायल 100 एफआरवी का रिस्पांस टाइम बढ़ कर 25 मिनट हो गया है। जबकि घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाली 108 एम्बुलेंस का रिस्पांस टाइम 20 मिनट से बढ़ कर 22 मिनट हो गया है।
मध्यप्रदेश में सेंट्रलाइज पुलिस कंट्रोल रूम डायल 100 बनाया गया है। इसके लिए भारत विकास ग्रुप बीवीजी को पांच साल के लिए जिम्मेदारी दी गई थी। प्रदेश में 1 हजार एफआरवी संचालित थी। पांच साल पूरे होने के बाद नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया की गई थी। लेकिन किसी कंपनी ने इसमें रूचि नहीं दिखाई। इसलिए बीवीजी को 6 माह का एक्सटेंशन दिया गया था। एक बार टेंडर निरस्त होने के कारण एक्सटेंशन 6 माह और बढ़ाया गया था। इस प्रकार बीवीजी का कार्यकाल दो साल से अधिक हो गया। लेकिन कंपनी ने एफआरवी के एक्सटेंशन पर ध्यान नहीं दिया। जिसके कारण गाड़िया कंडम होती चली गई। कई गाड़ियां तो चलने लायक ही नहीं बची है। उन्हें थानों या कंपनी के यार्ड में खड़ा कर दिया गया है।
उम्मीद की किरण
बताया गया है कि गत दिवस जय अंबे कंपनी का एल-01 टेंडर खुला है। इसे डीजीपी की मंजूरी के लिए भेजा गया है। मंजूरी मिलने के बाद कंपनी को सेटअप जमाने में ही तीन महीने लगेंगे। तब तक पुरानी एफआरवी से ही काम चलाना होगा।
चलने की स्थिति में नहीं 300 एफआरवी
प्रदेश भर से तकरीबन 23 से 24 हजार कॉल प्रतिदिन सेंट्रलाइज पुलिस कंट्रोल रूम में आते हैं। जिसमें से 6 हजार से अधिक कॉल डिस्पैच करके एफआरवी को भेजे जाते हैं। इसके बाद एफआरवी शिकायतकर्ता तक या घटनास्थल पर पहुंचती है। यह गाड़ियां थानों में 24 घंटे गश्त करती थी। जिसके कारण एफआरवी खटारा होती चली गई। वर्तमान में लगभग 300 एफआरवी चलने की स्थिति में नहीं है। यह गाड़ियां थानों या बीवीजी कंपनी के यार्ड में खड़ी है।
इनका कहना है
एसपी डायल 100 बीना सिंह ने बताया कि एफआरवी का रिस्पांस टाइम बढ़ा है। गाड़ियां खराब है। बीवीजी द्वारा लगभी 300 किराए की गाड़ियां एफआरवी में इस्तेमाल की जा रही है।
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Ankit Pandey | रीवा रियासत
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