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OMG! खेती में शराब का उपयोग कर रहे किसान, रिजल्ट जानकर बुद्धि खुल जाएगी..
शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताई गई है। लेकिन इन दिनों शराब का उपयोग मूंग की खेती में पैदावार बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। हालांकि इस संबंध में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कोई स्पष्ट लाभ की बात नहीं कही गई है फिर भी किसानों द्वारा स्वयं शराब का प्रयोग मूंग की खेती में किया जा रहा है। किसानों का कहना है कि मूंग की खेती में एक निश्चित मात्रा में शराब का छिड़काव किया जाता है जिससे कई तरह के रोगों से मूंग के पौधों को बचाया जा रहा है।
कहां उपयोगी है शराब
नर्मदा पुरम जिले मे मूंग की खेती कर रहे किसानों का कहना है कि उनके द्वारा शराब का छिड़काव मूंग के पौधों पर किया गया। परिणाम स्वरूप फसल की अच्छी है और कीटों तथा रोगों का प्रभाव भी कम हो गया है। नर्मदा पुरम जिले के किसानों का कहना है कि जिन खेतों में शराब का छिड़काव किया गया है वहां मूग की फली अधिक पोस्ट दिखाई दे रहे हैं। दाने भी पर्याप्त मात्रा में है।
किसानों ने बताया कि 11 से 16 लीटर के स्प्रे मशीन में 100उस देसी और अंग्रेजी शराब मिलाकर मूंग के पौधों में छिड़काव किया जा रहा है। शराब के इस प्रयोग से मूग में कीटनाशक का प्रयोग बहुत कम करना पड़ता है। किसानों ने बताया कि देसी शराब या फिर महुआ शराब मिलाकर किताब कर दिया जाता है। ऐसा करने से फसलों को कीड़ों से बचाया जा सकता है तो वही पैदावार भी पड़ रही है। किसानों ने यहां तक बताया कि शराब के छिड़काव से मूंग के फूल पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। बल्कि फूल और फली अच्छी आ रहे हैं।
महंगा हो रहा कीटनाशक
मूंग की फसल के लिए बाजार में अगर कीटनाशक लेने किसान जाता है तो उसे डेढ से दो हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं। जबकि देसी शराब मात्र ₹80 में और अंग्रेजी शराब 200 रुपए में 180 इमेल प्राप्त हो जाती है। 1 एकड़ में करीब 360 रुपए खर्चा करने पर अच्छी पैदावार ली जा सकती है।
क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक
किसानों द्वारा मूंग की खेती में शराब का उपयोग उनका स्वयं करना है। इस संबंध में अगर कृषि वैज्ञानिकों से लाए ली जाए तो उनके द्वारा बताया गया कि यह कोई वैज्ञानिक अनुसंधान नहीं है। उनका कहना है कि शराब कीड़ों के लिए तनाव की वजह है बन सकते हैं। यह कोई उपचार नहीं है।