मध्यप्रदेश

MP में चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई: भाजपा के लिए काम! खरगोन-रतलाम के कलेक्टर, भिंड-जबलपुर के एसपी हटाए

MP में चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई: भाजपा के लिए काम! खरगोन-रतलाम के कलेक्टर, भिंड-जबलपुर के एसपी हटाए
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शिकायत और अफसरों के काम से नाखुश चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई

शिकायत और अफसरों के काम से नाखुश चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई

विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए आचार संहिता लागू होने के ठीक दो दिन बाद चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश में बड़ी कार्रवाई की है। बुधवार को आयोग ने खरगोन और रतलाम जिले के कलेक्टर व भिंड और जबलपुर जिलों के एसपी को हटाने के आदेश दिए। इन अफसरों पर सत्तारूढ़ दल भाजपा के पक्ष में काम करने की शिकायतें थीं। चुनाव आयोग भी इनकी कार्यप्रणाली से नाखुश था।

चुनाव आयोग के निर्देश पर सरकार ने खरगोन कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा, रतलाम कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी को हटाकर मंत्रालय में बिना किसी विभाग के उपसचिव के तौर पर पदस्थ कर दिया गया है।

वहीं जबलपुर एसपी तुषारकांत और भिंड पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री को पीएचक्यू में सहायक पुलिस महानिरीक्षक के तौर पर पदास्थ किया गया है।

सूत्रों का कहना है, सितंबर के पहले सप्ताह में प्रदेश आए केंद्रीय चुनाव आयुक्त के दल ने भी दोनों जगहों के एसपी के प्रेजेंटेशन पर असंतोष जताया था।

ये आरोप बेहद गंभीर...

  • भिंड एसपी मनीष खत्री की नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। कहा था- भाजपा को लाभ पहुंचाने जाति के आधार पर थाना प्रभारियों की नियुक्ति की। अटेर से भाजपा विधायक अरविंद भदौरिया के क्षेत्र में ठाकुर थाना प्रभारी बनाए।
  • रतलाम कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी के मामले में पूर्व विधायक पारस सखलेचा ने शिकायत में कहा था-वे अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। निकाय चुनाव में भाजपा के खिलाफ शिकायतों पर आज तक सुनवाई नहीं की।

ये कारण अहम

ग्वालियर-चंबल में कम वोटिंग: ग्वालियर- चंबल संभाग में वोटिंग प्रतिशत कम होने की आयोग ने चिंता जताई थी। वोटिंग बढ़ाने को लेकर कारगर कदम न उठाने से आयोग नाराज था। तत्कालीन भिंड-मुरैना के कलेक्टर-एसपी को फटकार भी लगाई थी।

जबलपुर में कानून व्यवस्था गड़बड़: जबलपुर में लचर कानून व्यवस्था का मामला बैठक में सामने आया था। तब केंद्रीय चुनाव आयुक्त ने जबलपुर एसपी को हिदायत देते हुए कहा था आचार संहिता लगने का इंतजार न करें। निगेटिव फीडबैक व सुधार न होना भी बड़ा कारण है।

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